Coal scam case: सीएम ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी से ED ने की पूछताछ, कहा-आरोप साबित तो फांसी पर लटक जाऊंगा
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 6, 2021 01:45 PM2021-09-06T13:45:58+5:302021-09-06T17:13:05+5:30
Coal scam case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी (33) मध्य दिल्ली के जाम नगर हाउस स्थित केन्द्रीय एजेंसी के कार्यालय पहुंचे।
Coal scam case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी कोयला घोटाला मामले में सोमवार को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। ईडी अभिषेक बनर्जी से मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पूछताछ कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को उनकी पत्नी रुजीरा के साथ एक कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया गया था। हालांकि, रुजीरा ने ईडी से कोलकाता में अधिकारियों के सामने पेश होने की अनुमति देने का आग्रह किया, क्योंकि उन्होंने कोविड -19 के कारण राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा करने की अनिच्छा व्यक्त की थी।
अभिषेक बनर्जी ने रविवार को कहा था कि अगर कोई केंद्रीय एजेंसी किसी भी अवैध लेनदेन में उनकी संलिप्तता को सामने ला सकती है तो वह खुद को फांसी पर लटका लेंगे। पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए उन्हें 6 सितंबर को नई दिल्ली में मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए तलब किया गया है।
पश्चिम बंगाल में स्थानीय कोयला संचालक अनूप मांझी उर्फ लाला इस अवैध लेन-देन में प्रमुख आरोपी है। ईडी ने दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध लेद-देन से प्राप्त धन के लाभार्थी थे। ईडी ने मामले में अभी तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनमें से एक तृणमूल कांग्रेस युवा शाखा के नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा शामिल हैं।
ऐसा बताया जा रहा है कि विनय मिश्रा कुछ समय पहले देश से बाहर चला गया और उसने संभवत: देश की नागरिकता भी त्याग दी है। इसके अलावा इस मामले में निदेशालय ने बांकुड़ा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा को इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किया था।
ईडी ने दावा किया था कि मिश्रा बंधुओं ने इस मामले में ‘‘ कुछ प्रभावशाली लोगों के लिए और खुद के लिए 730 करोड़ रुपये की राशि’’ प्राप्त की। इस मामले में अनुमानित 1,352 करोड़ रुपये शामिल थे। निदेशालय ने मामले में इस साल मई में आरोप पत्र दाखिल किया था।