होम आइसोलेशन रद्द करने के उपराज्यपाल के फैसले पर केजरीवाल ने उठाए सवाल, कहा- देश के अन्य राज्यों से दिल्ली के लिए अलग नियम क्यों
By सुमित राय | Published: June 20, 2020 01:25 PM2020-06-20T13:25:22+5:302020-06-20T13:26:25+5:30
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि आईसीएमआर देशभर में बिना लक्षण और हल्के लक्षणों वालें मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दे रही है तो दिल्ली में अलग नियम क्यों लागू किए जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार के होम आइसोलेशन का कार्यक्रम 'रद्द करने' के उपराज्यपाल के आदेश पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाया है। केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के लिए देश के अन्य राज्यों से अलग नियम क्यों हैं?
एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अरविंद केजरीवाल का कहना है, "जब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) देश भर में एसिम्प्टोमैटिक (बिना लक्षण वाले) और हल्के लक्षणों वालों मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दे रही है तो दिल्ली में अलग नियम क्यों लागू किए जा रहे हैं।"
Delhi Chief Minister Kejriwal said when the Indian Council of Medical Research (ICMR) is allowing home-isolation for asymptomatic & mildly symptomatic cases across the country why different rules are being implemented in Delhi: Sources https://t.co/lXNNpSxO0W
— ANI (@ANI) June 20, 2020
मनीष सिसोदिया ने कहा डीडीएमए की बैठक में करेंगे विरोध
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली सरकार घर में पृथक-वास का कार्यक्रम 'रद्द करने' के उपराज्यपाल के आदेश का डीडीएमए की बैठक में विरोध करेगी। सिसोदिया ने शनिवार बैठक से कुछ ही मिनट पहले यह बात की। उन्होंने कहा कि यह आदेश आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है और इससे दिल्ली में 'अराजकता' पैदा हो जाएगी।
सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'दिल्ली राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक दोपहर 12 बजे होगी। हम घर में पृथक-वास को रद्द करने के उपराज्यपाल के आदेश का विरोध करेंगे और इसे बदलने की मांग करेंगे। घर में पृथक-वास के कार्यक्रम को रद्द करने का यह आदेश आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के विपरीत है और इससे दिल्ली में अराजकता पैदा हो जाएगी।'
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को आदेश दिया कि कोविड-19 के हरेक मरीजों के लिए घर पर पृथक-वास के बजाए पांच दिन संस्थागत पृथक-वास केंद्र में रहना जरूरी होगा। दिल्ली सरकार ने इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि यह 'मनमाना' आदेश है और इससे पहले से ही दबाव झेल रही स्वास्थ्यसेवा प्रणाली पर बोझ बढ़ेगा