पहली बार हाई कोर्ट के मौजूदा जज के खिलाफ दर्ज होगा केस! चीफ जस्टिस गोगोई ने सीबीआई को दी मंजूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 31, 2019 10:07 AM2019-07-31T10:07:26+5:302019-07-31T10:10:33+5:30

साल 1991 से पहले किसी जांच एजेंसी ने हाई कोर्ट के सिटिंग जज के खिलाफ जांच नहीं की थी। ऐसे में फैसला आने के बाद माना जा रहा है कि सीबीआई जल्द ही जस्टिस शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज करायेगी।

CJI Ranjan Gogoi gives permission to CBI to file FIR against high court judge | पहली बार हाई कोर्ट के मौजूदा जज के खिलाफ दर्ज होगा केस! चीफ जस्टिस गोगोई ने सीबीआई को दी मंजूरी

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (फाइल फोटो)

Highlightsचीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति दीइलाहाबाद हाई कोर्ट में अभी जज हैं एसएन शुक्ला, सीबीआई ने FIR के लिए मांगी थी इजाजत पहली बार हाई कोर्ट के किसी सिटिंग जज के खिलाफ दर्ज होगा केस

एक अप्रत्याशित फैसले के तहत चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई को इलाहाबाद हाई कोर्ट में कार्यरत जज एसएन शुक्ला के खिलाफ एफआईआर करने की अनुमति दे दी है। चीफ जस्टिस गोगोई ने मंगलवार को जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ मेडिकल दाखिला घोटाले के संबंध में सीबीआई को भ्रष्टाचार निरोधी कानून (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट) के तहत एफआईआर दर्ज कराने की अनुमति दी।

यह पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को हाई कोर्ट के जज के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति दी है। इससे पहले चीफ जस्टिस ने इस मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में संसद में कार्रवाई करने के लिए भी कहा था।

करीब 30 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने के वीरास्वामी केस में 25 जुलाई, 1991 को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के सिटिंग जज के खिलाफ किसी जांच एजेंसी को एफआईआर करने से रोका था। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसे मामलों में जांच के लिए सबसे पहले चीफ जस्टिस के सामने सबूत पेश किये जाने चाहिए।

साल 1991 से पहले किसी जांच एजेंसी ने हाई कोर्ट के सिटिंग जज के खिलाफ जांच नहीं की थी। ऐसे में फैसला आने के बाद माना जा रहा है कि सीबीआई जल्द ही जस्टिस शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज करायेगी। बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में चीफ जस्टिस गोगोई को खत लिखकर इजाजत मांगी थी।

कब आया था मामला सामने

दरअसल, सितंबर-2017 में उत्तर प्रदेश के महाअधिवक्ता राधवेंद्र सिंह ने जस्टिस शुक्ला के खिलाफ अनियमितता के आरोप लगाया। इसके बाद तात्कालिक चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने एक आंतरिक जांच समिति की गठन किया। इस समिति में मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी, सिक्किम हाई कोर्ट के जस्टिस एस. के. अग्निहोत्री और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस पीके जयसवाल को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई।

जस्टिस शुक्ला के खिलाफ आरोप लगे कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश की अवहेलना करते हुए उन्होंने एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए डेडलाइन बढ़ाते हुए कथित तौर पर उसे फायदा पहुंचाया।

इस समिति ने पाया कि आरोप को लेकर पर्याप्त सबूत मौजूद हैं जो दर्शाते हैं कि जस्टिस शुक्ला के खिलाफ गंभीर न्यायिक कदाचार का मामला बनता है। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद चीफ जस्टिस मिश्रा ने जस्टिस शुक्ला को इस्तीफा देने या खुद रिटायरमेंट लेने की बात भी कही थी। हालांकि, जस्टिस शुक्ला ने इससे इनकार कर दिया था।

Web Title: CJI Ranjan Gogoi gives permission to CBI to file FIR against high court judge

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