राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश होने से पहले सोनिया ने कांग्रेस सांसदों को दिया डिनर, राहुल गांधी रहे गैरहाजिर

By भाषा | Published: December 11, 2019 05:26 AM2019-12-11T05:26:52+5:302019-12-11T05:26:52+5:30

लोकसभा ने सोमवार रात नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है। 

Citizenship Amendment Bill: Sonia Gandhi hosts dinner for party MPs, rahul gandhi was absent | राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश होने से पहले सोनिया ने कांग्रेस सांसदों को दिया डिनर, राहुल गांधी रहे गैरहाजिर

File Photo

Highlightsकांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी सांसदों को रात्रिभोज दिया। इस भोज में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा कुछ अन्य सांसद मौजूद नहीं थे।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी सांसदों को रात्रिभोज दिया। सूत्रों का कहना है कि इस भोज में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा कुछ अन्य सांसद मौजूद नहीं थे। सोनिया ने संसद शीतकालीन सत्र के बीच में पार्टी सांसदों को ऐसे समय में रात्रिभोज दिया है जब नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। बुधवार को इस विधेयक को चर्चा और पारित कराने के मकसद से राज्यसभा में लाया जाएगा। कांग्रेस इस विधेयक को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए इसका विरोध कर रही है।

गौरतलब है कि लोकसभा ने सोमवार रात नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है। 

इसमें कहा गया है कि यदि कोई ऐसा व्यक्ति नागरिकता प्रदान करने की सभी शर्तो को पूरा करता है तब अधिनियम के अधीन निर्धारित किये जाने वाला सक्षम प्राधिकारी, अधिनियम की धारा 5 या धारा 6 के अधीन ऐसे व्यक्तियों के आवेदन पर विचार करते समय उनके विरूद्ध अवैध प्रवासी के रूप में उनकी परिस्थिति या उनकी नागरिकता संबंधी विषय पर विचार नहीं करेगा।

भारतीय मूल के बहुत से व्यक्ति जिनमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के उक्त अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्ति भी शामिल हैं, वे नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 के अधीन नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं। किंतु यदि वे अपने भारतीय मूल का सबूत देने में असमर्थ है, तो उन्हें उक्त अधिनियम की धारा 6 के तहत ‘‘देशीयकरण’’ द्वारा नागरिकता के लिये आवेदन करने को कहा जाता है। यह उनको बहुत से अवसरों एवं लाभों से वंचित करता है।

इसमें कहा गया कि इसलिए अधिनियम की तीसरी अनुसूची का संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है जिसमें इन देशों के उक्त समुदायों के आवेदकों को ‘‘देशीयकरण द्वारा नागरिकता के लिये पात्र बनाया जा सके’’। इसके लिए ऐसे लोगों मौजूदा 11 वर्ष के स्थान पर पांच वर्षो के लिए अपनी निवास की अवधि को प्रमाणित करना होगा।

इसमें वर्तमान में भारत के कार्डधारक विदेशी नागरिक के कार्ड को रद्दे करने से पूर्व उन्हें सुनवाई का अवसर प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है । विधेयक में संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले पूर्वोत्तर राज्यों की स्थानीय आबादी को प्रदान की गई संवैधानिक गारंटी की संरक्षा करने और बंगाल पूर्वी सीमांत विनियम 1973 की ‘‘आंतरिक रेखा’’ प्रणाली के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को प्रदान किये गए कानूनी संरक्षण को बरकरार रखने के मकसद से है।

Web Title: Citizenship Amendment Bill: Sonia Gandhi hosts dinner for party MPs, rahul gandhi was absent

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