नागरिकता संशोधन विधेयक संसद से पारित, TMC बोली- बंगाल में नहीं होने देंगे लागू, जानिए किसने क्या कहा
By रामदीप मिश्रा | Published: December 11, 2019 10:15 PM2019-12-11T22:15:53+5:302019-12-11T22:24:40+5:30
आज राज्यसभा ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।
संसद ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया। इस राज्यसभा से बिल के पारित होने के बाद नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने को भारत के संवैधानिक इतिहास का ‘काला दिन’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह उस भारत की सोच को चुनौती है जिसके लिए राष्ट्र निर्माता लड़े थे। सोनिया ने एक बयान में कहा, ''आज भारत के संवैधानिक इतिहास में काला दिन है। नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित होना तुच्छ सोच वाली और कट्टर ताकतों की भारत के बहुलवाद पर जीत है।"
Congress Interim President Sonia Gandhi: Today marks a dark day in the constitutional history of India. #CitizenshipAmendmentBill2019https://t.co/WmiN8R29mm
— ANI (@ANI) December 11, 2019
संजय राउत ने शिवसेना नेता के राज्यसभा से बहिष्कार करने को लेकर कहा है कि उनकी पार्टी और उन्हें लगा कि जब जवाब ठीक से नहीं दिया जा रहा है तो बिल का न तो समर्थन करना और न ही विरोध करना सही है। उन्होंने कहा कि हमने यह नहीं कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता नहीं दी जानी चाहिए, उन्हें दी जानी चाहिए। लेकिन हमने कहा कि अगर यह वोट बैंक की राजनीति के लिए एक साजिश है और आपके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं, तो उन्हें 25 साल के लिए मतदान का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।
Sanjay Raut, Shiv Sena: We didn't say that the refugees shouldn't be granted citizenship, they should be given. But we said that if it's a conspiracy for vote bank politics & allegations are being levelled against you then they should not be granted voting rights for 25 years. https://t.co/uTvd9I2cFu
— ANI (@ANI) December 11, 2019
नागरिकता संशोधन बिल पर पीएम मोदी ने ट्वीट ने कहा है, 'भारत और हमारे देश की करुणा और भाईचारे की नैतिकता के लिए एक ऐतिहासिक दिन! खुशी है कि कैब 2019 राज्यसभा में पारित किया गया है। सभी सांसदों का आभार जिन्होंने बिल के पक्ष में मतदान किया। यह कई वर्षों से उत्पीड़न का सामना करने वाले लोगों की पीड़ा को कम करेगा।'
PM on #CitizenshipAmendmentBill2019: A landmark day for India & our nation’s ethos of compassion & brotherhood! Glad that CAB 2019 has been passed in Rajya Sabha. Gratitude to all MPs who voted in favour of Bill. It'll alleviate suffering of many who faced persecution for years. pic.twitter.com/AfWeAp6h0Z
— ANI (@ANI) December 11, 2019
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पारित होने के साथ ही करोड़ों वंचितों और पीड़ितों के सपने आज सच हो गए हैं। इन प्रभावित लोगों की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने संकल्प के लिए मैं पीएम नरेंद्र मोदी जी का आभारी हूं।'
Union Home Minister Amit Shah tweets, As the Citizenship Amendment Bill 2019 passes in the Parliament, the dreams of crores of deprived & victimised people has come true today. Grateful to PM Narendra Modi ji for his resolve to ensure dignity & safety for these affected people.' pic.twitter.com/cfBOtFJ9Ib
— ANI (@ANI) December 11, 2019
तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह सरकार केवल बड़े वादे करती है लेकिन उनके सभी वादे विफल हो जाते हैं। ममता दी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी और कैब को लागू नहीं किया जाएगा।
Derek O'Brien, TMC: This government only makes big promises but all their promises fail. Mamata Di has stated clearly that NRC and CAB will not be implemented in West Bengal. pic.twitter.com/yF5zNjMjHJ
— ANI (@ANI) December 11, 2019
बता दें कि आज राज्यसभा ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी में खासी कमी आयी है। शाह ने कहा कि विधेयक में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
शाह ने इस विधेयक के मकसदों को लेकर वोट बैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए देश को आश्वस्त किया कि यह प्रस्तावित कानून बंगाल सहित पूरे देश में लागू होगा। उन्होंने इस विधेयक के संविधान विरूद्ध होने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संसद को इस प्रकार का कानून बनाने का अधिकार स्वयं संविधान में दिया गया है।
उन्होंने यह भी उम्मीद जतायी कि यह प्रस्तावित कानून न्यायालय में न्यायिक समीक्षा में सही ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे भारत के नागरिक हैं और बने रहेंगे।