नागरिकता संशोधन बिल: अगले हफ्ते हो सकता है पेश, बीजेपी ने सांसदों को दिए बड़ी संख्या में उपस्थित रहने के निर्देश
By अभिषेक पाण्डेय | Published: December 4, 2019 08:04 AM2019-12-04T08:04:26+5:302019-12-04T08:05:24+5:30
Citizenship Amendment Bill: नागरिकता संशोधन विधेयक को जल्द सदन में पेश किए जाने की संभावना को देखते हुए बीजेपी ने सासंदों को दिए बड़ी संख्या में उपस्थित रहने के निर्देश
नागरिकता (संशोधन) बिल को पास कराने के अपने उद्देश्य का संकेत देते हुए बीजेपी ने मंगलवार को अपने सांसदों को निर्देश दिया है कि वह आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में संसद में मौजूद रहें।
इस बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है। बीजेपी ने अपने सांसदों से कहा है कि ये बिल उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि आर्टिकल 370 को हटाने वाला विधेयक था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीजेपी सांसदों की साप्तहिक बैठक को संबोधित करते हुए इशारा किया कि ये बिल संसद में अगले हफ्ते आ सकता है और सरकार इसके 10 दिसंबर से पहले पास होने की उम्मीद कर रही है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिल को री-ड्राफ्ट किया जाना है क्योंकि सरकार ने नॉर्थ ईस्ट के राज्यों द्वारा जताई गई चिंता दूर करने के लिए इसमें बदलाव करने का फैसला किया है, इसे बुधवार तक कैबिनेट से मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान पर विवाद के तीन दिन बाद राजनाथ सिंह ने अपने सांसदों को संसद के अंदर और बाहर की भाषा के प्रति सावधान रहने को भी कहा।
नागरिकता संशोधन बिल: बीजेपी सासंदों को बड़ी संख्या में सदन में मौजूद रहने का निर्देश
इस बिल के महत्व को रेखांकित करते हुए राजनाथ ने सांसदों से कहा कि जब गृह मंत्री इस बिल को संसद में पेश करें तो वे बड़ी संख्या में मौजूद रहें। प्रधानमंत्री मोदी समेत पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सदन में सासंदों की कम उपस्थिति को लेकर नाखुशी जाहिर की है। सिंह ने कहा कि पार्टी सांसदों को अनुपस्थित रहने के लिए कोई बहाना नहीं बनाना चाहिए।
राजनाथ ने इस बिल की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी हमेशा से ही देश की एकता के लिए काम करती है। सिंह ने इस आलोचना को भी खारिज किया कि ये बिल धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ जाता है, उन्होंने कहा, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान-ये सभी मुख्य रूप से इस्लामिक देश हैं और भारत उन लोगों को नागरिकता देना चाहता है, जिन्हें वहां धार्मिक अत्याचार का सामना करना पड़ता है।
इस बिल का नॉर्थ-ईस्ट के राज्य विरोध कर रहे हैं। बीजेपी प्रमुख और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले शनिवार को नॉर्थ-ईस्ट के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने बिल के वर्तमान स्वरूप में बदलाव के लिए सहमति जताई।
उन्होंने नागरिक समाज समूहों और राजनीतिक प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर में सभी हितधारकों की जातीय-सांस्कृतिक चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा और विधेयक ऐसे क्षेत्रों और राज्यों को सुरक्षा प्रदान करेगा जहां इनर लाइन परमिट (ILP) लागू है, और संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त प्रशासन प्रदान किया गया है।