CAA पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, चीफ जस्टिस बोबडे बोले- अभी कोई आदेश जारी नहीं कर सकते, जानें कौन क्या दे रहा है दलील
By पल्लवी कुमारी | Published: January 22, 2020 09:38 AM2020-01-22T09:38:17+5:302020-01-22T11:19:17+5:30
2019 में दिसंबर महीने में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के बाद 18 दिसंबर को सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी। जिसपर सुनवाई के लिए 22 जनवरी 2020 का दिन तय किया गया था।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दायर कुल 144 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई शुरू हो गई है। इन 144 याचिकाओं केरल सरकार की याचिका भी शामिल है जिसमें इस कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। इन याचिकाओं में देश के अलग-अलग हिस्सों नें सीएए के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच केंद्र की उस याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई LIVE UPDATE:
-अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, केंद्र ने एक प्रारंभिक हलफनामा तैयार किया है जो आज दायर किया जाएगा। एएम सिंघवी कहते हैं, यूपी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है, यह अपरिवर्तनीय है क्योंकि एक बार नागरिकता प्रदान करने के बाद इसे वापस नहीं लिया जा सकता है।
SC hearing #CitizenshipAmendmentAct: Attorney General KK Venugopal says, Centre has prepared a preliminary affidavit that will be filed today. AM Singhvi says, UP has started the process, it is irrevocable as once citizenship is granted it can’t be taken back
— ANI (@ANI) January 22, 2020
-चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा है कि हम अभी कोई भी आदेश जारी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि काफी याचिकाओं को सुनवाई बाकी है।
-कोर्ट में वकील विकास सिंह, इंदिरा जयसिंह ने कहा है कि असम के लिए अलग आदेश जारी होना चाहिए। असम से 10 से ज्यादा याचिका है।
-कपिल सिब्बल ने कहा, कोर्ट तय करे कि क्या इस मामले को संविधान पीठ को भेजा जाए।
- कोर्ट में वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि सीएए की प्रक्रिया को कुछ महीनों के लिए टाली जाए।
Supreme Court hearing on petitions related to #CitizenshipAmendmentAct: Kapil Sibal says, Court to decide whether this case should be referred to the Constitution Bench pic.twitter.com/wQUn6Wc1Z7
— ANI (@ANI) January 22, 2020
Supreme Court to hear today around 144 petitions related to the Citizenship Amendment Act (CAA), including petitions challenging the constitutional validity of CAA & transfer petitions filed by the Central Government. pic.twitter.com/sIR16N9NQY
— ANI (@ANI) January 22, 2020
2019 में दिसंबर महीने में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के बाद 18 दिसंबर को सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी। लेकिन कोर्ट ने इन याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई से मना कर दिया था। इसके लिए 22 जनवरी की तारीख दी गई थी।
केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसियों शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। सीएए और एनआरसी को लेकर देश के कई अलग-अलग हिस्सों में पिछले महीने से विरोध प्रदर्शन जारी हैं। विपक्ष का कहना है कि सीएए भारत की संविधान के साथ एक खिलवाड़ है। विपक्ष इसे संविधान विरोध बता रहा है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सीएए और एनआरसी को जोड़वने से ये ये कानून मुस्लिम विरोधी है।