चिटफंड मामलाः टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी और राजीव कुमार सीबीआई कार्यालय पहुंचे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 16, 2019 05:14 PM2019-08-16T17:14:23+5:302019-08-16T17:26:38+5:30
टीएमसी के महासचिव एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी माने जाने वाले चटर्जी ने इस संबंध में मीडिया की तरफ से पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री हैं एवं विधायी मामलों का कार्यभार भी उन्हीं के पास है।
शारदा चिट फंड और रोज वैली मामलों के संबंध में सीबीआई की तरफ से तलब किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी और कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार शुक्रवार को यहां सीबीआई के कार्यालय पहुंचे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि चटर्जी और कुमार दोनों दोपहर में एजेंसी के साल्ट लेक स्थित सीबीआई कार्यालय पहुंचे। सीबीआई ने दो अलग-अलग मामलों में शुक्रवार को दोनों को तलब किया था। अधिकारी ने बताया, “हां, चटर्जी और कुमार दोनों सीबीआई के कार्यालय पहुंचे और संबंधित मामलों के जांच अधिकारी उनसे बात करेंगे।”
टीएमसी के महासचिव एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी माने जाने वाले चटर्जी ने इस संबंध में मीडिया की तरफ से पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री हैं एवं विधायी मामलों का कार्यभार भी उन्हीं के पास है।
Former Commissioner of Police of Kolkata, Rajiv Kumar appeared before CBI after he was served notice for interrogation in Saradha chit fund case pic.twitter.com/3xsI0CO8Lf
— ANI (@ANI) August 16, 2019
एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि टीएमसी राज्य सभा सांसद एवं पार्टी के प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन से शारदा घोटाले की जांच के संबंध में नौ अगस्त को सीबीआई की पूछताछ के दौरान चटर्जी का नाम सामने आया। सूत्र ने कहा, ‘‘चटर्जी का नाम पिछले हफ्ते ओब्रायन से पूछताछ के दौरान सामने आया। हमें उनके नाम का पता पार्टी के समाचारपत्र, ‘जागो बांगला’ की कथित फंडिंग के संबंध में पता चला।”
West Bengal Education Minister Partha Chatterjee has received CBI notice to appear before it today in connection with the case of Jago Bangla, the mouthpiece newspaper of the party. (File pic) pic.twitter.com/Vm0lLHo0ag
— ANI (@ANI) August 16, 2019
संयोग से चटर्जी इस समाचारपत्र के संपादक हैं और ओब्रायन इसके प्रकाशक हैं। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि कुमार से पूर्व में सीबीआई अधिकारियों ने शारदा पोन्जी घोटाले के संबंध में पूछताछ की गई थी। कई करोड़ रूपये के रोज वैली घोटाले में उनकी भूमिका का पता लगाने के संबंध में उन्हें एजेंसी के अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा गया।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुमान के मुताबिक रोज वैली घोटाला शारदा पोन्जी घोटाले से कम से कम पांच गुणा ज्यादा बड़ा है।