चीन के सैनिकों ने फिर की हिमाकत, लद्दाख के देमचुक में घुसकर लहराए झंडे बैनर, दलाई लामा के जन्मदिन का किया विरोध
By अभिषेक पारीक | Published: July 12, 2021 07:26 PM2021-07-12T19:26:43+5:302021-07-12T19:31:08+5:30
चीन ने सीमा पर एक बार फिर हिमाकत की है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने लद्दाख के देमचुक इलाके में घुसकर के चीन के झंडे और बैनर लहराए हैं।
चीन ने सीमा पर एक बार फिर हिमाकत की है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने लद्दाख के देमचुक इलाके में घुसकर के चीन के झंडे और बैनर लहराए हैं। इस दौरान चीनी सैनिकों के साथ कुछ नागरिक भी थे। चीन ने यह दुस्साहस उस वक्त किया जब देमचुक में स्थानीय लोग बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे। यह घटना छह जुलाई की है। पीएम मोदी ने दलाई लामा के 86वें जन्मदिन पर बधाई थी।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, देमचुक के सामुदायिक केंद्र के नजदीक चीनी सैनिकों ने कुछ नागरिकों के साथ चीन के झंडे और बैनर लहराए थे। चीनी सैनिक पांच वाहनों में वहां तक पहुंचे थे। इसी जगह पर दलाई लामा के 86वें जन्मदिन का जश्न मनाया जा रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले सप्ताह दलाई लामा के जन्मदिन पर बधाई देने से भी चीन बौखला गया है। 2014 में पहली बार शपथ लेने के बाद यह पहली बार है जब पीएम मोदी ने दलाई लामा से बातचीत की सार्वजनिक रूप से पुष्टि की है। पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा था, 'महामहिम दलाई लामा के साथ फोन पर बातचीत की और उन्हें 86वें जन्मदिन की बधाई दी। हम उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं।' पीएम मोदी के बधाई संदेश को चीन के लिए कड़े संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
निर्वासित तिब्बती संसद की सदस्य डोलमा सेरिंग ने पीएम मोदी के दलाई लामा के जन्मदिन पर दिए बधाई संदेश को सकारात्मक कदम बताया था और कहा था कि पीएम मोदी संदेश देना चाहते हैं कि भारत तिब्बत के बारे में बात करने में अब कोई एहतियात नहीं बरतने जा रहा है। उन्होंने कहा था कि इससे चीन को कड़ा संदेश मिला है।
पीएम मोदी के इस कदम को भारत की तिब्बत नीति में महत्वपूर्ण बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं भारत सरकार की ओर से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 100वीं सालगिरह पर चीन को शुभकामनाएं भी नहीं दी गई थी।