चीन के विदेश मंत्रालय का आया बयान, कहा- भारतीय पक्ष ने हमारे सैनिकों पर पहले की फायरिंग, बातचीत से सुलाझाए जाएं मतभेद
By अनुराग आनंद | Published: September 8, 2020 02:27 PM2020-09-08T14:27:10+5:302020-09-08T14:31:51+5:30
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि 1975 से ये पहली बार है जब फायरिंग की वजह से शांति बाधित हुई है। इसके साथ ही चीन ने इस हालात को पैदा करने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती इलाके में कई जगहों पर चीन व भारत के सैनिकों के बीच तनाव जारी है। 7 सितंबर की रात एक बार फिर से दोनों पक्षों में झड़प हुई। भारत और चीन दोनों देशों ने माना है कि सीमा पर करीब 4 दशक से अधिक समय के बाद दोनों देशों की सेना ने फायरिंग की है।
चीनी सेना के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता के हवाले से पहले भारतीय जवानों द्वारा फायरिंग किए जाने की बात कहे जाने के बाद अब चीनी विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले में बयान दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि इस घटना(7 सितंबर) में भारतीय पक्ष ने चीनी सैनिकों पर पहले फायरिंग की।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि 1975 से ये पहली बार है जब फायरिंग की वजह से शांति बाधित हुई है। हमने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि दोनों पक्षों को शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए अपने मतभेदों को सुलझाना चाहिए। हालांकि, इस मामले में भारतीय सेना ने बयान जारी कर चीन के आरोप को खारिज किया है।
India's behaviour violated agreements...It's serious military provocation. We've made representations through diplomatic & military channels asking them to immediately stop dangerous moves, withdraw people who crossed the line & discipline frontline troops: China Foreign Ministry https://t.co/ZYXmbFMo9P
— ANI (@ANI) September 8, 2020
भारतीय सेना ने कहा- किसी भी चरण में भारतीय सेना ने LAC को पार नहीं किया
भारतीय सेना ने साफ-साफ कहा है कि जहां भारत LAC पर डिसइंगेजमेंट और हालात को डी-एस्केलेट करने के लिए प्रतिबद्ध है, चीन स्थिति को बढ़ाने के लिए उकसावे वाली गतिविधियों को जारी रखे हुए है। किसी भी चरण में भारतीय सेना ने LAC को पार नहीं किया और फायरिंग समेत किसी भी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया।
चीन के दावों को सिरे से खारिज करते हुए और झुठलाते हुए भारत ने कहा कि पीएलए (PLA) के जवानों ने उकसावे की कार्रवाई की। सेना ने साफ कहा कि उसने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पार नहीं की और न ही गोलियां चलाईं हैं। भारतीय सेना ने यह भी कहा है कि भारत कभी भी युद्ध नहीं चाहता है। हम पूरी तरह से शांति के पक्षधर रहे हैं।
लद्दाख के पैंगोंग सो झील के दक्षिणी छोर पर स्थित एक पहाड़ी पर हुई झड़प-
बता दें कि चीन ने भारतीय सैनिकों पर सीमा पार करने और फायरिंग करने का आरोप लगाया है। चीन ने दावा किया है कि ये मामला लद्दाख के पैंगोंग सो झील के दक्षिणी छोर पर स्थित एक पहाड़ी पर हुई है।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, 'भारतीय सेना ने पैंगोंग सो झील के दक्षिणी छोर के पास शेनपाओ की पहाड़ी पर एलएसी (LAC) को पार किया। भारतीय जवानों ने बातचीत की कोशिश कर रहे पीएलए (PLA) के बॉर्डर पट्रोल से जुड़े सैनिकों पर वार्निंग शॉट फायर किए जिसके बाद चीनी सैनिकों को हालात काबू में करने के लिए कदम उठाने पड़े।'
कर्नल झांग शुइली ने कहा- भारत सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हो
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेस्टर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली की ओर से देर रात दिए गए बयान में कहा गया कि भारतीय सैनिकों की ओर से कथित "उकसावे" की कार्रवाई की गई जिससे चीनी सैनिकों की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई।
उन्होंने यह भी कहा कि हम भारतीय पक्ष से मांग करते हैं कि खतरनाक कदमों को रोके और फायरिंग करने वाले शख्स को सजा दे। कर्नल झांग शुइली ने भी लिखा है कि भारत यह भी सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हो।
वेस्टर्न थियेटर कमांडर के प्रवक्ता झांग शुई ने कहा कि हम भरोसा दिलाते हैं कि पीएलए के वेस्टर्न कामांड के सैनिक अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे और राष्ट्र की क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करेंगे।