क्या हुआ चीन की मेट्रो कोच फैक्टरी का?, रोजगार की आस में युवाओं का सवाल, पौने पांच साल से सीआरआरसी लापता
By आनंद शर्मा | Published: July 30, 2021 08:45 PM2021-07-30T20:45:30+5:302021-07-30T20:46:36+5:30
प्रोजेक्ट से शहर के पांच हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा. तभी से रोजगार की आस में युवा इस प्रोजेक्ट के साकार होने का इंतजार कर रहे हैं.
नागपुर: शहर की जनता ने सरकारी दावों और वादों की हवा निकलते अक्सर देखा है. ऐसा ही एक मामला मेट्रो रेल कोच फैक्टरी से जुड़ा है. पौने पांच साल पहले नागपुर में चीन की मेट्रो रेल कोच फैक्टरी लगाने को लेकर राज्य सरकार और चीन रेलवे रोलिंग स्टॉक कॉर्पोरेशन (सीआरआरसी) के बीच एमओयू हुआ था.
उस वक्त दावा किया गया था कि इस प्रोजेक्ट से शहर के पांच हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा. तभी से रोजगार की आस में युवा इस प्रोजेक्ट के साकार होने का इंतजार कर रहे हैं. वे अब पूछने लगे हैं कि चीन की मेट्रो कोच फैक्टरी का क्या हुआ ?
गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में 15 अक्तूबर 2016 को शहर की एक होटल में भव्य समारोह आयोजित किया गया था. इस समारोह में राज्य सरकार और सीआरआरसी के बीच नागपुर में चीनी मेट्रो रेल कोच फैक्टरी लगाने को लेकर मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) हुआ था.
इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने दावा किया था कि सीआरआरसी मिहान में 1500 करोड़ रुपए का निवेश कर कोच निर्माण यूनिट लगाएगी. इससे 5 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि इस एमओयू की बदौलत नागपुर से देशभर के मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए कोच की सप्लाई की जा सकेगी.
इस दौरान नागपुर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए 69 अल्ट्रा मॉडर्न कोच का आॅर्डर भी सीआरआरसी को दिया गया था. इस एमओयू के बाद सीआरआरसी के दल ने शहर में कोच यूनिट लगाने के लिए जगह देखी. लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. आगे चलकर राज्य सरकार बदल गई और यूनिट केवल एमओयू तक सीमित होकर रह गई. पर शहर के युवा इसी आस में बैठे रहे कि उन्हें मेट्रो कोच यूनिट में नौकरी मिलेगी. वे अब पूछने लगे हैं कि आखिर यह कारखाना गया कहां?
मेट्रो का सेकंड फेज भी अटका
नागपुर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के दूसरे चरण को फरवरी 2021 में केंद्रीय आम बजट में मंजूरी मिलने के छह माह बाद भी इसे केंद्रीय केबिनेट से हरी झंडी नहीं मिल सकी है. इससे फंड की व्यवस्था के साथ ही सेकंड फेज का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो सका है.
महामेट्रो का कोच कारखाना भी ठंडे बस्ते में
पूर्व में यह भी दावा किया जाता रहा है कि महामेट्रो खुद ही मेट्रो कोच कारखाना लगाएगा. यह कारखाना सिंदी, बूटीबोरी के पास होने की बात सामने आई थी. पर अब यह प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है.
एमएडीसी को नहीं मिला प्रस्ताव
मिहान में चीनी मेट्रो कोच कारखाना लगाने बाबत कोई भी प्रस्ताव महाराष्टÑ एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी (एमएडीसी), नागपुर कार्यालय को अब तक नहीं मिला है. - दीपक जोशी, जनसंपर्क अधिकारी, एमएडीसी.
यह सीआरआरसी का प्रोजेक्ट है
नागपुर में चीनी मेट्रो कोच कारखाना लगाने का प्रोजेक्ट काफी पुराना है. इसे चीन की सीआरआरसी लगाने वाली थी. महामेट्रो का इससे सीधेतौर पर कोई संबंध नहीं है. - अखिलेश हलवे, जनसंपर्क अधिकारी, महामेट्रो.
चीनी दल ने लिया था जायजा
मेट्रो कोच कारखाना के लिए चीनी कंपनी के दल ने काफी पहले एमआईडीसी क्षेत्र का जायजा लिया था. पर यह तय नहीं था कि प्रोजेक्ट कहां आएगा. इसके बाद से कोई गतिविधि नहीं हुई. - भानुदास यादव, रीजनल आफिसर, एमआईडीसी.
एमओयू के बाद कुछ नहीं हुआ
चीनी मेट्रो रेल कंपनी से राज्य के उद्योग विभाग के साथ एमओयू हुआ था. इसके बाद कुछ नहीं हुआ. बात आगे नहीं बढ़ पाई. - अशोक धर्माधिकारी, सहनिदेशक (उद्योग), नागपुर क्षेत्र