59 ऐप बैन होने के बाद भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए साइबर अटैक कर सकता है चीन, देश में अलर्ट जारी
By पल्लवी कुमारी | Published: July 1, 2020 10:01 AM2020-07-01T10:01:45+5:302020-07-01T10:01:45+5:30
भारत सरकार ने 15 जून को गलवान घाटी में हिसंक झड़प के बाद 29 जून को चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप को देश में बैन कर दिया है। जिसमें टिक-टॉक, यूसी ब्राउजर, वीचैट , बीगो लाइव ,हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल जैसे ऐप शामिल हैं।
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने चीन के 59 ऐप को भारत में बैन कर दिया है। ऐप को बैन करने के बाद भारत सरकार को साइबर अटैक को लेकर खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट किया है। खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि ऐप बैन के बाद चीन की ओर से साइबर अटैक किए जा सकते हैं। जानकारी मिलने के बाद देशभर में सरकार ने साइबर हमले से जुड़ी देखने वाली सारी एजेंसियों को अलर्ट किया है। इसके अलावा इंटेलिजेंस एजेंसी की ओर से मॉनिटरिंग भी तेज कर दी गई है। इकोनॉमिक्स टाइम्स में अपनी रिपोर्ट में यह जनाकारी दी है।
ऐप बैन होने के बाद- इंडियन साइबर स्पेस को नुकसान पहुंचा सकता है चीन
इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐप को बैन करना भारत की ओर से महज सिर्फ एक शुरुआत है। इसके अलावा भारत सरकार चीन के संपर्क में आने वाली कंपनियों, डिवाइस निर्माताओं और ऐप की अधिक से अधिक जांच करेगी। चीन इससे भड़क कर इंडियन साइबर स्पेस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकता है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है, भारत लगभर हर सेक्टर्स में पहले ज्यादा मॉनिटरिंग कर रहा है। इसके अलावा बिजली, टेलिकॉम और फाइनेंशल सर्विसेज से जुड़े सेक्टर्स को भी चाइनीज इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंध रखने को लेकर अलर्ट किया गया है।
चीन नेटवर्क्स के जरिए कर सकता है साइबर अटैक
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, चूंकि हमने चीन को कई सालों तक महत्वपूर्ण क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर विशेष रूप से संचार और बिजली में निवेश करने की अनुमति दी थी, ऐसे में उन नेटवर्क्स तक चीन की पहुंच है। रिमोट लोकेशंस का सहारा लेकर नेटवर्क्स के जरिए चीन साइबर अटैक कर सकता है या किसी भी नेटवर्क में समस्याएं शुरू कर सकता है। जिसको लेकर अलर्ट कर दिया गया है।
चाइनीज फंडिंग कंपनी पर सरकार का ज्याद फोकस
सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स की मानें तो भारत की सरकार उन कंपनियों की मॉनिटरिंग और सर्विलांस पर ज्यादा फोकर करेगी, दिजमें चीनी निवेशकर्ता की ओर से फंडिंग की गई है। या फिर किसी ऐसी कंपनी जिसमें चाइनीज इन्वेस्टर्स की फंडिंग शेयरिंग में हो। सरकार ऐसी कंपनियों की मॉनिटरिंग और सर्विलांस अलग-अलग तरीकों से कर रही है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनियों के अलावा सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में इस्तेमाल किए जा रहे चीन में बने सर्विलांस डिवाइस भी रेडार पर हैं।
PwC India के साइबर सिक्यॉरिटी लीडर सिद्धार्थ विश्वनाथ ने इकोनॉमिक्स टाइम्स को बताया, विश्व की जो आर्थिक स्थिति है, इसको देखते हुए सीमा पर कोई भी जंग के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में साइबर स्पेस, ट्रेड और सप्लाई चेन को प्रभावित कर नुकसान पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी चाइनीज हैकर्स से जुड़ी चेतावनी सरकार की ओर से दी जा चुकी है।
भारत ने बैन किए 59 चीनी ऐप: सरकार ने कहा- भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए यह जरूरी
भारत ने सोमवार (29 जून) को चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें लोकप्रिय टिक-टॉक और यूसी ब्राउजर जैसे ऐप भी शामिल हैं। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून और नियमों की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।
आईटी मंत्रालय ने सोमवार (29 जून) को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ऐप उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं।
सरकार ने कहा, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आधात होता है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके खिलाफ आपातकालीन उपायों की जरूरत है।
चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप जो भारत में बैन किए गए हैं उस लिस्ट में वीचैट , बीगो लाइव ,हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल - शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म क्लब फैक्टरी और शीइन शामिल हैं। ऐसे में इस फैसले ने चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों की बड़ी सफाई कर दी है।