चीन ने कबूला, गलवान घाटी में मारे गए थे उसके पांच सैन्यकर्मी, कमांडर स्तर के अधिकारी की भी हुई थी मौत

By अनुराग आनंद | Published: February 19, 2021 09:30 AM2021-02-19T09:30:27+5:302021-02-19T11:40:05+5:30

भारत व चीन दोनों देशों की सेना तनाव क्षेत्र से पीछे हट रही है, इस बीच चीन ने पहली बार माना है कि गलवान घाटी में पिछले साल हुए झड़प में उसके भी 5 सैनिकों की जान गई थी।

China confessed for the first time that five of its military personnel were killed in the Galvan Valley. | चीन ने कबूला, गलवान घाटी में मारे गए थे उसके पांच सैन्यकर्मी, कमांडर स्तर के अधिकारी की भी हुई थी मौत

चीन ने अपने 5 जवानों के गलवान घाटी में मौत की बात स्वीकार की है (फाइल फोटो)

Highlightsगलवान में पीएलए की शिनजियांग सेना कमान के रेजिमेंटल कमांडर क्वी फबाओ की भी मौत हुई थी। पीएलए ने यह स्वीकारोक्ति ऐसे समय की है जब पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट से दोनों देश अपने जवानों को हटा रहे हैं। 

बीजिंग:चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शुक्रवार को पहली बार आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया कि पिछले वर्ष पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत की सेना के साथ हुई झड़प में उसके पांच सैन्य अधिकारियों और जवानों की मौत हुई थी।

चीन की सेना के आधिकारिक अखबार ‘पीएलए डेली’ की शुक्रवार की खबर के मुताबिक सेंट्रल मिलिट्री कमिशन ऑफ चाइना (सीएमसी) ने उन पांच सैन्य अधिकारियों और जवानों को याद किया जो काराकोरम पहाड़ियों पर तैनात थे और जून 2020 में गलवान घाटी में भारत के साथ सीमा पर संघर्ष में मारे गए थे।

झड़प के दौरान मरने वालों में पीएलए की शिनजियांग सेना कमान के रेजिमेंटल कमांडर क्वी फबाओ भी शामिल थे-

‘ग्लोबल टाइम्स’ ने ‘पीएलए डेली’ की खबर के हवाले से बताया कि गलवान में झड़प के दौरान मरने वालों में पीएलए की शिनजियांग सेना कमान के रेजिमेंटल कमांडर क्वी फबाओ भी शामिल थे। गलवान घाटी में झड़प के दौरान भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। पीएलए ने यह स्वीकारोक्ति ऐसे समय की है जब पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट से दोनों देश अपने जवानों को हटा रहे हैं। 

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पीछे हटने के मामले में दिया बयान-

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया में हुई प्रगति के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मेरी जानकारी के मुताबिक, यह प्रक्रिया सुगमता से आगे बढ़ रही है। हमें उम्मीद है कि दोनों देश आपस में बनी सहमति और हस्ताक्षरित समझौतों का सख्त अनुपालन करेंगे तथा सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया सुगमता से पूरी होना सुनिश्चित करेंगे।’’

अग्रिम मोर्चे से सैनिकों को पीछे हटाने का कार्य 10 फरवरी को साथ-साथ एवं योजनाबद्ध तरीके से शुरू किया गया-

उन्होंने कहा, ‘‘राजनयिक और सैन्य माध्यमों से हुई कई दौर की वार्ताओं में दोनों देशों के बीच बनी सहमति के आधार पर पैंगोंग झील इलाके में अग्रिम मोर्चे से सैनिकों को पीछे हटाने का कार्य 10 फरवरी को साथ-साथ एवं योजनाबद्ध तरीके से शुरू कर दिया गया।’’ सैनिकों की वापसी की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसकी कोई निश्चित समय सीमा से अवगत नहीं हूं। आप सेना से पूछ सकते हैं।’’

दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों ने चरणबद्ध तरीके से पीछे हटने का फैसला किया-

गौरतलब है कि नौ महीनों तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बने रहने के बाद, दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से पीछे हटने के समझौते पर पहुंची हैं। यह समझौता दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों के चरणबद्ध , समन्वित और सत्यापित किये जा सकने वाले तरीकों से पीछे हटने का प्रावधान करता है। भारतीय थल सेना ने मंगलवार को कुछ छोटे वीडियो और तस्वीरें जारी की थी।

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: China confessed for the first time that five of its military personnel were killed in the Galvan Valley.

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