बच्चों ने कह दी ऐसी बातें कि कैदियों की आंखों से बह निकले आंसू
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 15, 2018 10:07 AM2018-11-15T10:07:47+5:302018-11-15T10:07:47+5:30
'पापा, आप घर कब आओगे' इस सवाल से वह चौंक उठा और आंखों से अश्रु धारा बह निकली.
नागपुर, 15 नवंबर: 'पापा, हमारे स्कूल में ना, खूब मजा आता है. मैडम ने हमें चित्र बनाने के लिए कहा था. मैंने बहुत अच्छे-अच्छे चित्र बनाए थे. वो आपको दिखाने के लिए लाना था...' 10 वर्षीय बेटी लगातार अपनी बातें कहे जा रही थी. वह स्कूल के, घर के, रिश्तेदारों की बातें बता रही थी. लेकिन वह स्तब्ध होकर उसे निहारता जा रहा था.
आजीवन कैद की सजा होने के बाद 8-9 वर्षों से वह इस कारागृह में ही था. उसके पास बताने के लिए कोई दिलचस्प बात नहीं थी. चार दीवारों के बीच की बातों के अलावा उसके पास कुछ नहीं था. यह बातें वो अपने बच्चों को कैसे बता पाता. जब वह अपने बच्चों को निहार रहा था, उसी बीच 'पापा, आप घर कब आओगे' इस सवाल से वह चौंक उठा और आंखों से अश्रु धारा बह निकली.
नागपुर के मध्यवर्ती कारागृह में बुधवार को ऐसे एक नहीं कई नजारे देखे जा सकते थे. बाल दिवस के अवसर पर कारागृह की ऊंची दीवारों के पीछे सजा पूरी कर रहे कैदियों को प्रेम के कुछ क्षण व्यतीत करने का अवसर मिला. पं. जवाहरलाल नेहरू की जयंती यानी बाल दिवस के अवसर पर कारागृह प्रशासन ने यह व्यवस्था कैदियों के लिए की थी.
इस वर्ष कैदियों ने बच्चों से मुलाकात के लिए निवेदन किया था. उसके अनुसार उनकी 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मिलने का अवसर प्रशासन ने मुहैया करवाया. इस मुलाकात के लिए आतुर हुए कैदी और बाहर उनके बच्चे और रिश्तेदार सुबह से इंतजार कर रहे थे. कारागृह के बड़े द्वार से अंदर जाने वाले बच्चों को ये कैदी उत्सुकता से निहार रहे थे. वे अपने बच्चों को गले से लगाने के लिए उत्साहित नजर आ रहे थे.