मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गैर-भाजपा नेताओं को लिखा पत्र, कांग्रेस का समर्थन
By शीलेष शर्मा | Published: April 1, 2021 04:50 PM2021-04-01T16:50:47+5:302021-04-01T16:53:25+5:30
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र और संविधान पर भाजपा के कथित हमलों के खिलाफ ‘‘एकजुट होकर और प्रभावशाली ढंग से’’ संघर्ष करने का समय आ गया है।
नई दिल्लीः बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों को लामबंद होने के लिये लिखे पत्र के बाद भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की लामबंदी की कोशिशों ने जोर पकड़ लिया है।
ममता की अपील पर कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी सहमति जताते हुए इस कोशिश को हरी झंडी दिखा दी है। 10 जनपथ से मिली खबरों के अनुसार सोनिया ने पार्टी नेताओं को इसके समर्थन में आवाज़ उठाने को भी कह दिया है।
इसकी पुष्टि आज उस समय हुई, जब पार्टी प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने पार्टी मंच से कहा कि कांग्रेस हमेशा विपक्ष को एकजुट करने के पक्ष में रही है, इस मुद्दे पर चुनाव परिणामों के बाद सोनिया गांधी पार्टी का पक्ष सामने रखेंगी। उनका साफ इशारा था कि समय आ गया है, जब विपक्ष को मिलकर संवैधानिक मूल्यों और संस्थाओं को बचाना होगा जिनको भाजपा और मोदी सरकार बर्बाद कर रही है।
सीपीआई नेता डी राजा ने ममता की पेशकश पर टिप्पणी करते हुये कहा कि पार्टी हालातों का अध्यन कर औपचारिक वयान ज़ारी करेगी ,लेकिन यह सही है कि संविधान को बचाने के लिये मिलकर भाजपा से लड़ना होगा। आरजेडी सांसद मनोज झा बिलकुल पूरी तरह इस एकता के पक्ष में खड़े नज़र आये।
उन्होंने संकेत दिये कि इसी एकता के लिये शरद पवार पिछले कई महीनों से राजनीतिक दलों से संपर्क कर रहे हैं। वह सपा, डीएमके, टीएमसी, वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस, जेएमएम, शिवसेना, आरजेडी ,नेशनल कॉन्फ्रेंस ,पीडीपी सहित दूसरे दलों के नेताओं से लंबी चर्चा भी कर चुके हैं, लेकिन अभी यह साफ़ नहीं है कि यह विपक्षी दल किसके नेतृत्व में रणनीति बनायेंगे।
यह फैसला 2 मई को आने वाले चुनाव परिणामों के बाद ही साफ़ हो सकेगा। कांग्रेस मान कर चल रही है कि पार्टी असम और केरल में चुनाव जीतती है तो पार्टी राहुल के नेतृत्व पर जोर लगाएगी .फिलहाल जो इस विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए दावेदार हैं उनमें सोनिया के नाम पर कोई विरोध नहीं है लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह तैयार नहीं होती हैं तो शरद पवार ,ममता बनर्जी और राहुल गांधी के बीच से कोई नाम तय होगा।