चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, 'जजों के खाली पदों का भरा जाना बेहद जरूरी है, ताकि न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा बना रहे'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 15, 2022 08:27 PM2022-04-15T20:27:02+5:302022-04-15T21:29:48+5:30
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कोर्ट में जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जजों के खाली पड़े पदों को जल्द भरे जाने की जरूरत है, ताकि न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा बना रहे।
हैदराबाद: कोर्ट पर बढ़ते दबाव और जजों की कमी के कारण होने वाली परेशानी को रेखांकित करते हुए भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि जजों के खाली पदों को भरा जाना बहुत ही आवश्यक है, ताकि सालों से लंबित पड़े मामलों का निपटारे में तेजी आ सके।
हैदराबाद के गचिबोव्ली में तेलंगाना स्टेट ज्यूडिशियल ऑफिसर कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह में चीफ जस्टिस रमना ने कोर्ट में जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जजों के खाली पड़े पदों को जल्द भरे जाने की जरूरत है, ताकि न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा बना रहे।
चीफ जस्टिस ने कहा कि अदालतों में लंबित पड़े मुकदमों की संख्या बहुत पीड़ादायक है। आज के समय में कोर्ट की तारीख अपने आप में किसी सजा से कम नहीं है लेकिन इसके पीछे तमाम कारण हैं, जिन्हें दूर के प्रयास में तेजी लायी जा रही है। मौजूदा समय में कोर्ट के बाहर न्याय के लिए लगी लंबी लाइनों में खड़े आम आदमी के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि फैसला आने में न जाने कितने साल और लगेंगे।
उन्होंने कहा कि संविधान प्रदत्त शक्तियों के मुताबित भारत की निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में नागरिकों को अपील का अधिकार हासिल है, लेकिन जजों की कमी के कारण कोई नहीं बता सकता कि केस में अंतिम फैसला कब तक आ पाएगा।
चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि इस समस्या का केवल एकमात्र हल यही है कि जजों की नियुक्ति के संबंध में तेजी लायी जाए और जितने जजों की आवश्यकता है उनकी नियुक्त प्रक्रिया को फौरन पूरा किया जाना चाहिए। सच मानिए तो मेरी प्रबल इच्छा है कि जिला अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कही भी जजों के पद खाली न रहें।
जजों की कमी के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने देशभर के विभिन्न अदालतों का सर्वे करके जो रिपोर्ट दी है, उसमें यह बात स्पष्ट तरीके से उजागर हुई है कि देश में न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति बेहद खराब है और इस बाबत सारी जानकारी सरकार को भी दी जा चुकी है।