छत्तीसगढ़: बोरवेल में गिरे राहुल को 104 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाल पहुंचाया गया अस्पताल गया, सुरंग बनाकर बचाव दल ने ऐसे दिया मिशन को अंजाम
By भाषा | Published: June 15, 2022 07:31 AM2022-06-15T07:31:13+5:302022-06-15T07:41:42+5:30
सूखे बोरवेल में गिरे 11 साल के राहुल को मंगलवार देर रात सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया। घटना छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले की है।
जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में सूखे बोरवेल में गिरे 11 वर्षीय बालक राहुल को 104 घंटे से अधिक समय तक चले बचाव अभियान के बाद मंगलवार देर शाम सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बालक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि बालक को बाहर निकालने के लिए बोरवेल से कुछ दूरी पर एक समानांतर गड्ढा खोदा गया था। जहां से सुरंग बनाकर मंगलवार रात लगभग 11:55 बजे उसे बाहर निकाल लिया गया। बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना तथा जिले के पांच सौ से अधिक कर्मचारी जुटे थे।
राहुल के बाहर निकाले जाने पर खूब लगे नारे, लोगों ने जताई खुशी
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक लगातार घटनास्थल पर ही मौजूद थे। रात लगभग 11:55 बजे जब बालक को सुरंग से बाहर निकाला गया तब वहां मौजूद हजारों लोगों ने बचाव दल की सराहना की और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।
टेलीविजन दृश्यों में बालक को एक स्ट्रेचर पर सुरंग के रास्ते बाहर निकालते देखा गया। उसे बचाव दल अपने कंधों पर सुरंग के मुहाने से वहां तैयार एम्बुलेंस तक ले गए।। अधिकारियों ने बताया कि जिले के मालखरौदा विकासखंड के पिहरिद गांव में शुक्रवार दोपहर बाद लगभग दो बजे राहुल साहू घर के पिछले हिस्से में खेलते समय एक खुले, सूखे पड़े बोरवेल में गिर गया था। राहुल बोरवेल में 60 फुट नीचे फंसा हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि जिला और पुलिस प्रशासन को शुक्रवार दोपहर बाद राहुल के बोरवेल में गिरने की जानकारी मिली तब तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि राहुल को बाहर निकालने में मदद के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के विशेषज्ञों को बुलाया गया। वहीं चिकित्सकों के दल ने राहुल के लिए बोरवेल के भीतर ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की।
104 घंटे का बचाव अभियान, अस्पताल तक बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर
अधिकारियों ने बताया कि बोरवेल से कुछ दूरी पर जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से समानांतर गड्ढा किया गया। इस गड्ढे से एक सुरंग बनाकर लगभग 104 घंटे तक चले बचाव अभियान के बाद राहुल को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। उन्होंने बताया कि बचाव कार्य के अंतिम चरण को देखते हुए घटनास्थल पर चिकित्सकों के दल के साथ एक एंबुलेंस को तैयार रखा गया था।
बालक को एंबुलेंस के माध्यम से बिलासपुर शहर के अपोलो अस्पताल ले जाया गया। इसके लिए पिहरिद गांव से अपोलो अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। देर तक गहरे गड्डे में रहने के कारण बालक थक गया है।
अधिकारियों ने बताया कि बालक के पिता लाला राम साहू के मुताबिक, उन्होंने कुछ समय पहले घर के पिछले हिस्से में सब्जियों की खेती के लिए बाड़ी में लगभग 80 फुट गहरे बोरवेल की खुदाई करवाई थी। जब बोरवेल में पानी नहीं निकला तब उसे बिना इस्तेमाल किए छोड़ दिया गया। शुक्रवार को बाड़ी में खेलने के दौरान राहुल इस सूखे, खुले बोरवेल में गिर गया था। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद बचाव कार्य शुरू किया गया तथा राहुल की स्थिति का पता लगाने के लिए बोरवेल में रस्सी के सहारे एक कैमरा लगाया गया था। वहीं, रस्सी के सहारे उसके लिए फल और जूस आदि भेजा जा रहा था।
बचाव कार्य में लगे अधिकारियों ने बताया, ‘‘कैमरे के माध्यम से स्वास्थ्य अधिकारी लगातार राहुल की स्थिति की निगरानी कर रहे थे। एक स्पीकर को रस्सी से उतारा गया था जिससे उसके माता-पिता उससे बात कर सकें और उसका हौसला बढ़ा सकें। माता-पिता के अनुसार, बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है और ठीक से बात नहीं कर सकता है इसलिए वह ठीक से जवाब नहीं दे पा रहा था।