छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब की ब्रिकी पर लगाया 'कोरोना टैक्स', पंजाब सरकार भी कर रही विचार
By मनाली रस्तोगी | Published: May 14, 2020 12:15 PM2020-05-14T12:15:33+5:302020-05-14T12:16:30+5:30
कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच हो रही शराब की बिक्री को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बिक रही शराब पर अब कोरोना टैक्स लगाने की घोषणा की है।
रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक हुई, जहां राज्य सरकार ने शराब पर अब कोरोना टैक्स लगाने की घोषणा की है। ऐसे में अब छत्तीसगढ़ में कोरोना टैक्स लगने के बाद शराब लगभग 10 फीसदी महंगी हो जाएगी। देसी और विदेशी शराब के लिए प्रदेश सरकार ने अलग-अलग दरें तय कर दी हैं।
इन नई दरों के अनुसार अब विदेशी शराब पर एमआरपी का 10 फीसदी टैक्स लगेगा। बुधवार को हुई कैबिनेट की अहम बैठक में टैक्स लगाने का निर्णय लिया गया, जिसके बाद अब जल्द ही टैक्स को लेकर आदेश भी जारी किया जाएगा। वहीं, एक प्रेस नोट के मुताबिक, इस विशेष कोरोना टैक्स के तहत, स्थानीय शराब के लिए प्रति बोतल 10 रुपये और सभी प्रकार की विदेशी शराब (आत्मा / माल्ट) की खुदरा दर में 10 फीसदी की वृद्धि होगी।
दरअसल, कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बीच शराब की बिक्री काफी हो रही है, जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने अन्य राज्यों की तरह शराब पर कोरोना टैक्स लगा दिया है। बता दें कि पंजाब सरकार भी शराब की ब्रिकी पर कोरोना टैक्स लगाने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही पंजाब सरकार ने लॉकडाउन के बीच शराबघर बंद होने के चलते हुए वास्तविक नुकसान का आकलन करने के लिये तीन सदस्यीय समिति भी गठित की है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शराब ठेकेदारों के लिए बुधवार को कुछ राहत की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार लॉकडाउन के दौरान 23 मार्च से छह मई के बीच हुए नुकसान की भरपाई के लिये लाइसेंसधारियों को मदद मुहैया कराएगी। हालांकि, उन्होंने शराब की दुकानों के अनुबंध 31 मार्च, 2021 से आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया, जो शराब ठेकेदारों की प्रमुख मांग थी। वे 37 और व्यावसायिक दिनों की मोहलत देने की मांग कर रहे थे। सिंह ने शराब की होम डिलीवरी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों का हवाला देते हुए यह फैसला शराब ठेकेदारों पर छोड़ दिया है।
एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री, शिक्षा मंत्री और आवास तथा शहरी विकास मंत्री के एक मंत्रिसमूह को शराब की बिक्री पर विशेष कोरोना शुल्क लगाने के मुद्दे पर विचार करने के लिए कहा है। सीएम अमरिंदर सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति भी गठित की है, जो लॉकडाउन के दौरान शराबघर बंद होने से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन करेगी।