छत्तीसगढ़ चुनावः धान की बिक्री रुकने से उत्साहित कांग्रेस संजो रही सत्ता का सपना
By संतोष ठाकुर | Published: November 19, 2018 05:18 AM2018-11-19T05:18:39+5:302018-11-19T05:18:39+5:30
कांग्रेस ने धान के समर्थन मूल्य को दोगुना से अधिक करने का किया वादा। किसानों ने रोक दी बिक्री।
छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बनेगी, यह फिलहाल कयास की बात है. यहां पर भाजपा एक बार फिर जहां राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के सहारे सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है तो वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि रमन सिंह सरकार को एंटी-इंकमबेंसी का सामना करना पड़ेगा. कांग्रेस की इस उम्मीद की अकेली वजह राज्य सरकार की एंटी-इंकबमेंसी ही नहीं है. उसका मानना है कि जिस तरह से किसान राज्य में अपने धान की उपज को मंडी में नहीं बेच रहे हैं, उसका साफ संकेत है कि वे कांग्रेस सरकार का इंतजार कर रहे हैं. इसकी वजह यह है कि कांग्रेस ने धान के समर्थन मूल्य को लगभग दोगुना से अधिक करने का वादा किया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अभी मंडी में धान का समर्थन मूल्य 11 से 12 सौ रुपए के बीच है. हाल ही में जब केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य बढ़ाया था तो यह राशि 15-1700 रुपए तक पहंच गई थी, लेकिन यह राशि सभी किसान को नहीं मिल रही है. राज्य के 43 लाख किसान अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. यही वजह है कि हमने राज्य की जनता को भरोसा दिया है कि हम सत्ता में आने के दस दिन के अंदर इसे ढाई हजार रुपए कर देंगे.
इसी का असर है कि राज्य की मंडियो में किसान अपना धान बेचने नहीं जा रहे हैं. यह किसानों के रुख से निकला डर ही है कि भाजपा नेता अब समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात कर रहे हैं. इस कांग्रेस नेता ने कहा कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन यहां के किसान अब अन्य राज्य के किसानों से धान की पैदावार के मामले में पिछड़ रहे हैं. हम उन्हें एक बार फिर से प्रथम स्थान पर लाएंगे. हमें खुशी है कि जनता हमारे वादे पर ऐतबार कर रही है. यह हमारी जीत को दर्शाता है.
हालांकि कांग्रेस पूरी तरह से धान की राजनीति से ही आस लगाए हुई नहीं बैठी है. उसने राज्य भाजपा के करीब एक दर्जन नेताओं से संपर्क बनाने का कार्य शुरू किया हुआ है. इनमें वे नेता शामिल हैं जिन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया है या फिर जो भाजपा के नेतृत्व से असंतुष्ट चल रहे हैं.
जोगी से बातचीत का विकल्प खुला रहेगा
कांग्रेस का प्लान बी यह है कि अगर स्थिति ऐसी बनती है कि अजित जोगी को समर्थन देकर भाजपा को सरकार बनाने से रोका जा सके तो वह जोगी को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने पर गहराई से मंथन कर रही है. कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि अजित जोगी मूल से रूप से कांग्रेसी हैं. उन्होंने हाल ही में कहा था कि भाजपा को समर्थन देने से अच्छा मरना है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि बातचीत का विकल्प उनकी ओर से खुला रहेगा. यह स्थिति पर निर्भर करता है कि वह कांग्रेस में आकर पार्टी को मजबूत करते हैं या नतीजे आने के बाद समान विचारधारा वाले दलों की सरकार बनाने की मुहिम का हिस्सा बनते हैं.