छत्तीसगढ़ चुनावः अजीत जोगी बोले- सूली पर लटकना पसंद, भाजपा को समर्थन देना नहीं
By गोपाल वोरा | Published: November 18, 2018 04:42 AM2018-11-18T04:42:16+5:302018-11-18T04:42:16+5:30
शुक्रवार को कल राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर के चैनलों और समाचार पत्रों में यह समाचार सामने आया था कि अजीत जोगी बहुमत न मिलने की स्थिति में भाजपा को समर्थन दे सकते हैं.
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने आज यहां कहा कि वे सूली पर लटकना मंजूर करेंगे लेकिन भाजपा को किसी भी हालत में न समर्थन देंगे और न लेंगे. मैं सपने में नहीं सोच सकता भाजपा के साथ गठबंधन के विषय में. उन्होंने उन समाचारों और अटकलों का पुरजोर खंडन किया, जिसमें कहा जा रहा था कि अजीत जोगी बहुमत न आने पर भाजपा को समर्थन देकर सरकार बना सकते हैं और भाजपा के साथ उनका गठबंधन हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को कल राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर के चैनलों और समाचार पत्रों में यह समाचार सामने आया था कि अजीत जोगी बहुमत न मिलने की स्थिति में भाजपा को समर्थन दे सकते हैं. इस खबर के आने के बाद बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी तीखी प्रक्रिया व्यक्त की थी और कहा था कि हम बहुमत न आने पर विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे, भाजपा या कांग्रेस में से किसी को समर्थन नहीं देंगे. जोगी के उपरोक्त बयान के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मायावती और जोगी आमने-सामने आ गए हैं. इसीलिए उन्होंने आज रायपुर में अपने निवास पर एक पत्रकार परिषद बुलाकर उन खबरों का पुरजोर विरोध किया.
सबसे महत्वपूर्ण बात आज की जोगी की पत्र परिषद में यह रही कि उन्होंने आठ धर्मग्रंथों को अपने समक्ष रखकर उन पर हाथ रखा और कसम खाई कि वे कभी भी भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे, न ही लेंगे. उन्हें इन आठ धर्मग्रंथों को सामने रखकर कसम खाने की जरूरत क्यों पड़ी? इसका प्रमुख कारण है कि लगातार छत्तीसगढ़ में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिसमें लोग गंगाजल उठाकर कसम खा रहे हैं.
इसलिए आज जोगी ने भी धर्मग्रंथों पर हाथ रखकर कसम खाई. दो दिनों पूर्व कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने इसी प्रकार गंगाजल हाथ में लेकर कसम खाई थी कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद दस दिन में किसानों का कर्जा माफ करेंगे, जबकि इस विषय पर राहुल गांधी पहले ही सभाओं में कह चुके हैं कि दस दिन के अंदर कांग्रेस की सरकार आते ही किसानों का कर्जा माफ कर दिया जाएगा और बिजली का बिल हाफ कर दिया जाएगा. इसके बावजूद आरपीएन सिंह ने गंगाजल उठाकर कसम खाई. कांग्रेस के कृत्य की वजह से जोगी को धर्मग्रंथों पर हाथ रखकर कसम खानी पड़ी.