छत्तीसगढ़ः रायपुर की चार विधानसभा सीटों पर दो मंत्री और एक पूर्व मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर

By गोपाल वोरा | Published: November 7, 2018 10:01 AM2018-11-07T10:01:51+5:302018-11-07T10:01:51+5:30

पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री के निकटतम मंत्री राजेश मूणत चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्हें फिर एक बार चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने अपने पिछले चुनाव के ही प्रत्याशी विकास उपाध्याय को मैदान में उतारा है। दोनों सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में सीधा संघर्ष होगा।

chhattisgarh assembly election: four raipur assembly seats candidate reputation | छत्तीसगढ़ः रायपुर की चार विधानसभा सीटों पर दो मंत्री और एक पूर्व मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह (बाएं) और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की चार विधानसभा सीटों को लेकर कांटे का संघर्ष देखने को मिल रहा है। यहां दो कद्दावर मंत्री चुनाव मैदान में डटे हैं। वहीं एक पूर्व मंत्री भी मैदान में हैं। सभी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनमें रायपुर दक्षिण से कृषि मंत्री और कद्दावर भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने कन्हैया अग्रवाल को टिकट दी है। कांग्रेस की यह सबसे कमजोर सीट मानी जा रही है। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री के निकटतम मंत्री राजेश मूणत चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्हें फिर एक बार चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने अपने पिछले चुनाव के ही प्रत्याशी विकास उपाध्याय को मैदान में उतारा है। दोनों सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में सीधा संघर्ष होगा।

रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र

तीसरी सीट रायपुर ग्रामीण है, जहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा मैदान में डटे हैं। उन्हें चैलेंज करने के लिए भाजपा ने भी अपने पुराने खिलाड़ी नंदकुमार साहू को चुनाव रण में उतारा है। यहां कांटे की टक्कर होगी। इसमें एक तीसरा कोण भी है, जो जोगी कांग्रेस के उम्मीदवार ओमप्रकाश देवांगन दोनों ही प्रत्याशियों को मुश्किल में डाले हुए हैं। पिछले चुनाव के दौरान सत्यनारायण शर्मा के साथ घूमने वाले ओमप्रकाश देवांगन ने इस बार जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। वे अधिकतम वोट कांग्रेस के ही काटेंगे। भाजपा को भी नुकसान पहुंचाने में भी पीछे नहीं रहेंगे। क्योंकि देवांगन मतों की संख्या वहां अच्छी-खासी है। ब्राrाण मत भी कम नहीं हैं। 

जातिगत समीकरण का प्रभाव

जातिगत समीकरण का प्रभाव इस क्षेत्र में अधिक दिखाई दे रहा है। सर्वाधिक 47 हजार साहू मतदाता हैं। 22 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं। 28 हजार सतनामी मतदाता हैं और 15 कुर्मी मतदाता हैं। 17 हजार ठाकुर मतदाता हैं। 4 हजार से अधिक देवांगन वोट हैं। लगभग 60 हजार उत्तर भारतीय मतदाता हैं। सत्यनारायण शर्मा लगातार पिछले पांच वर्षो से अपने क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। इसके बावजूद नंदकुमार साहू के साहू वोट उन्हें इस बार संबल देकर विजयी बनाने के लिए कृत संकल्प हैं। वहीं ओमप्रकाश देवांगन बीरगांव क्षेत्र के नगरपालिका अध्यक्ष रहे हैं, इसलिए उनका प्रभाव भी मायने रखता है। कुल मिलाकर इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है।

उत्तर विधानसभा क्षेत्र 

चौथी सीट उत्तर विधानसभा क्षेत्र है, जहां से भाजपा ने अपने पुराने युवा प्रत्याशी श्रीचंद सुंदरानी को दोबारा टिकट दी है। उन्हें चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने भी अपने पुराने खिलाड़ी पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा पर विश्वास व्यक्त किया है। उत्तर विधानसभा क्षेत्र में कुलदीप जुनेजा पूरे पांच साल सतत सक्रिय रहे हैं। उनका मतदाताओं से सीधा संपर्क है। 2013 के मुकाबला के 2018 के चुनाव में यहां भी त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। जोगी कांग्रेस ने भी एक सिंधी समाज के प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है। अमर गिदवानी श्रीचंद सुंदरानी का खेल बिगाड़ सकते हैं।

Web Title: chhattisgarh assembly election: four raipur assembly seats candidate reputation

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