छत्तीसगढ़ः BJP ने दी नेताओं को सीख, जिन बातों का गलत संदेश जाए उनसे बचें
By संतोष ठाकुर | Published: November 9, 2018 07:34 AM2018-11-09T07:34:57+5:302018-11-09T07:34:57+5:30
केंद्रीय भाजपा ने अपने इन दो मुख्यमंत्रियों के साथ ही अन्य नेताओं को भी सीख दी है कि वे कोई भी ऐसा बयान न दे, जिससे राज्य-केंद्र के कार्यो की तुलना का माहौल बने। लोगों के बीच यह गलत संदेश जाए कि मोदी सरकार अपने कार्यो की समीक्षा से डर रही है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने हाल ही में कहा था कि राज्य के विधान सभा चुनाव मोदी सरकार पर जनमत संग्रह नहीं है। इसी तरह से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा था कि राज्य और केंद्र के मुद्दे अलग होते हैं। ऐसे में राज्य के चुनाव को लोकसभा चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
केंद्रीय भाजपा ने अपने इन दो मुख्यमंत्रियों के साथ ही अन्य नेताओं को भी सीख दी है कि वे कोई भी ऐसा बयान न दे, जिससे राज्य-केंद्र के कार्यो की तुलना का माहौल बने। लोगों के बीच यह गलत संदेश जाए कि मोदी सरकार अपने कार्यो की समीक्षा से डर रही है।
राजनैतिक तौर पर इस तुलना को अपने लिए विपरीत स्थिति बनाने वाला मानते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव में जाने वाले सभी राज्यों के नेताओं को कहा है कि वे केवल स्थानीय मुद्दों को लेकर बहस करें। उन पर ही वोट मांगे। अगर जरूरत हो तो केंद्र सरकार की उन योजनाओं को लेकर चर्चा करें जो राज्य में चल रही हैं और अपने से पहले की सरकारों के कार्यकाल में उन योजनाओं से संबंधित प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा करने का प्रयास करें।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा का आकलन है कि अगर किसी राज्य का मुख्यमंत्री यह कहता है कि राज्य विधानसभा चुनाव को मोदी सरकार पर जनमत संग्रह नहीं माना जाए या फिर इसे आगामी लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल न माना जाए तो इससे यह संदेश जाता है कि संभवत: मोदी सरकार को अपनी स्थिति कमजोर होने का डर है और यही वजह है कि राज्य सरकार इसे जनमत संग्रह या आम चुनाव का सेमीफाइनल मानने से पीछे हट रही है।
इससे विरोधी दल को आक्र मक होने का अवसर मिलेगा। साथ ही वह जनता के बीच यह भ्रम फैला सकते हैं कि जब स्वयं मुख्यमंत्री ही डर रहा है तो भाजपा की स्थिति समझी जा सकती है। इससे जनता के बीच एक अंदेशा की स्थिति बनाने में विपक्ष को सफलता मिल सकती है, जिसका विधानसभा चुनाव में भाजपा पर विपरीत असर हो सकता है।
जनता फिर से मोदी को बनाना चाहती है पीएम
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के मुद्दे अलग-अलग होते हैं। देश की जनता एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहती है। इसकी वजह उनका पारदर्शी जीवन और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देना है। ऐसे में हम विधानसभा चुनाव में आम चुनाव का सेमीफाइनल या जनमत संग्रह जैसे बयान क्यों दे। जब कोई मतदाता लोकसभा चुनाव में वोट डालने जाता है तो उसे पता होता है कि वह प्रधानमंत्री चुनने जा रहा है। जबकि विधानसभा चुनाव में वह अपना विधायक या मुख्यमंत्री चुनने जाता है। इसमें स्थानीय मुद्दे हावी होते हैं। यही वजह है कि हमनें राज्यों के नेताओं से कहा है कि वह ऐसे बयान से बचें। इसका मतलब यह नहीं है कि हम डर रहे हैं या फिर भाजपा की स्थिति किसी राज्य में कमजोर है।