चेतन चीता: आतंकियों की कई गोलियां लगने के बावजूद मौत को दी थी मात, अब कोविड से जंग, अगले 48 घंटे अहम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 3, 2021 03:03 PM2021-06-03T15:03:50+5:302021-06-03T15:07:39+5:30

चेतन चिता की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों ने कहा कि अगले 48 घंटे अहम साबित होने वाले हैं। कोरोना संक्रमित होने के बाद 9 मई को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन रविवार को उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई।

Chetan Cheetah health update after getting covid 19 positive next 48 hrs important says doctor | चेतन चीता: आतंकियों की कई गोलियां लगने के बावजूद मौत को दी थी मात, अब कोविड से जंग, अगले 48 घंटे अहम

चेतन चीता लड़ रहे हैं कोविड से जंग (फाइल फोटो)

Highlightsकोविड संक्रमित होने के बाद चेतन चीता की स्थिति अभी नाजुक, वेंटिलेटर पर रखा गया है उन्हेंडॉक्टरों के अनुसार चेतन चीता के लिए अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैंचीता के कोरोना पाजिटिव होने और ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद 9 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में चार साल पहले साल 2017 में आतंकियों की कई गलियां लगने के बावजूद मौत को मात देने वाले चेतन कुमार चीता की कोविड संक्रमण के बाद से स्थिति नाजुक बनी हुई है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक AIIMS द्वारा संचालित हरियाणा के झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (NCI) में कोविड सेवाओं की अध्यक्ष डॉ सुषमा भटनागर ने बताया कि चेतन चीता के लिए अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। चेतन अभी भी वेंटिलेटर पर है। 

डॉ भटनागर ने कहा कि एंटी-वायरल थेरेपी के अलावा, सेकंडरी बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का प्रबंध किया जा रहा है। इसके साथ उनके ब्लड प्रेशर को बनाए रखने के लिए दवाओं की आवश्यकता होगी। 

चेतन चीता ने जब दी थी मौत को मात

चेतन चीता सीआरपीएफ के 45 वें कमांडिंग ऑफिसर थे। फरवरी 2017 में कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से लड़ते हुए उन्हें माथे पर, दाहिनी आंख, पेट, दोनों हाथों पर और शरीर के पीछे हिस्से में कई गोलियां लगीं थी। उन्हें कुल 9 गोलियां लगी थी

इसके बाद एम्स ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने उन्हें बचाने के लिए कई ऑपरेशन किए। देश भर में तब उनकी चर्चा हुई थी और अच्छे स्वास्थ्य के लिए दुआएं मांगी गई थी। 

चेतन की तब डॉक्टरों की अलग-अलग कई टीमों ने अलग-अलग ऑपरेशन किया। नेत्र रोग विशेषज्ञों ने बायीं आंख में घाव की देखभाल की, लेकिन दाहिनी ओर का इलाज नहीं किया सका। आर्थोपेडिक्स विभाग ने अंगों के फ्रैक्चर पर इलाज किया। वहीं क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों ने संक्रमण से बचने के लिए एंटीबायोटिक थेरेपी की। करीब दो महीने बाद उन्हें अप्रैल 2017 में डिस्चार्ज कर दिया गया और 2018 में वे वापस ड्यूटी पर चले गए।

भारत सरकार ने उन्हें शांतिकाल के दूसरे सर्वोच्च वीरता पदक 'कीर्ति चक्र' से सम्मानित किया। एनसीआई झज्जर में तैनात एक डॉक्टर ने कहा, "वह एक फाइटर हैं। हमें उम्मीद है कि वह फिर से इस नाजुक स्थिति से उबर कर सामने आयेंगे।"

चीता को 9 मई को कराया गया था एम्स में भर्ती

चीता के कोरोना पाजिटिव होने और ऑक्सीजन लेवल कम होने की शिकायत के बाद 9 मई को एम्स ले जाया गया था। शुरुआत में उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर आईसीयू में रखा गया था।  डॉक्टरों ने कहा कि एंटी-वायरल थेरेपी से उनकी हालत में सुधार हुआ है, लेकिन रविवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई।  

उन डॉक्टरों में से एक ने कहा, "हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।" 

डॉक्टरों ने कहा कि "हमारे पास डॉक्टरों और नर्सों का एक ग्रुप है। उन्हें देश के लिए लड़ने वाले सीआरपीएफ कमांडेंट के जीवन को बचाने के बारे में बात करते हुए  देखना खुशी की बात है।"

Web Title: Chetan Cheetah health update after getting covid 19 positive next 48 hrs important says doctor

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