चंद्रयान-2: 'विक्रम' लैंडर को लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा- ISRO कर लेगा समस्या का समाधान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 12, 2019 08:43 AM2019-09-12T08:43:48+5:302019-09-12T08:43:48+5:30
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन और देश के समर्थन ने अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाया।
लैंडर ‘विक्रम’ का अंतिम समय में जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने और दोबारा संपर्क स्थापित करने को लेकर लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस बीच नोबेल पुरस्कार विजेता सर्जे हरोश ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) के वैज्ञानिक निश्चित ही भारत के पहले मून लैंडर की समस्या को दूर करने की कोशिश करेंगे। हरोशे के अनुसार विज्ञान हमें हैरान करता रहता है- कभी इसमें असफलता मिलती है तो कभी सफलता।
बुधवार (12 सिंतबर) को हरोश ने 'नोबेल प्राइज सीरीज इंडिया 2019' समारोह के दौरान कहा मीडिया से बाचतीच के दौरान कहा कि मुझे नहीं मालूम कि लैंडर विक्रम के साथ क्या हुआ, लेकिन मैं यह कहूंगा कि इसरो के वैज्ञानिक निश्चित ही इस समस्या से का समाधान करने की कोशिश करेंगे।
बता दें कि सर्जे हरोश को साल 2012 में भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हरोशे ने कहा कि विज्ञान कुछ ऐसा है जहां आप अज्ञात में जाते हैं...आप हैरान होते हैं, कई बार सकारात्मक रूप से और कई बार नकारात्मक रूप से।
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन और देश के समर्थन ने अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाया।
इसरो द्वारा चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान शनिवार को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था और चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर उसका संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया था।