जगन सरकार ने चंद्रबाबू नायडू के बेटे लोकेश से छीनी जेड श्रेणी की सुरक्षा, टीडीपी प्रमुख को लगा एक महीने में चौथा झटका
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 25, 2019 02:30 PM2019-06-25T14:30:25+5:302019-06-25T14:30:25+5:30
तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में कटौती की गई है। बेटे नारा लोकेश को मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा को हटा लिया गया है। पूर्व मंत्री नारा लोकेश की सुरक्षा को 5+5 से घटाकर 2+2 कर दिया गया है।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू इस समय विदेश में छुट्टी मना हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है तब से एन चंद्रबाबू नायडू को झटका लग रहा है। पहले तो एन चंद्रबाबू नायडू विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। इसके बाद उनके 6 में से 4 राज्यसभा सांसद भाजपा में शामिल हो गए।
इसके बाद वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने शनिवार को एन. चंद्रबाबू नायडू के अमरावती स्थित आवास प्रजा वेदिका को अपने कब्जे में ले लिया। अब यह खबर है कि आंध्र प्रदेश की सत्ता से विदाई के बाद चंद्रबाबू नायडू को मिल रही सहूलियतों के पर कतरे जा रहे हैं। अब तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में कटौती की गई है। बेटे नारा लोकेश को मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा को हटा लिया गया है। पूर्व मंत्री नारा लोकेश की सुरक्षा को 5+5 से घटाकर 2+2 कर दिया गया है।
Andhra Pradesh government reduces security provided to the family members of former CM N. Chandrababu Naidu. His son & former state minister Nara Lokesh will now be provided 2+2 gunmen, earlier he had Z category security, Security for other family members is fully withdrawn. pic.twitter.com/Z1bLTGQzQx
— ANI (@ANI) June 25, 2019
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने 'प्रजा वेदिका' बिल्डिंग को तोड़ने का आदेश दिया है। इसी बिल्डिंग में ही पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू रह रहे हैं।
जगन मोहन के आदेश अनुसार मंगलवार से बिल्डिंग तोड़ने का काम शुरू हो जाएगा। बीते दिनों चंद्रबाबू नायडू ने जगनमोहन रेड्डी को चिट्ठी लिखकर 'प्रजा वेदिका' को नेता प्रतिपक्ष का सरकारी आवास घोषित करने की मांग की थी।
तेलुगू देशम पार्टी ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के प्रति कोई सद्भावना नहीं दिखाई, क्योंकि उनके सामनों को अमरावती के उंदावल्ली घर के बाहर फेंक दिया गया।
चंद्रबाबू नायडू तब से कृष्णा नदी के किनारे उंदावल्ली स्थित इस आवास में रह रहे थे, जब से आंध्र प्रदेश ने अपना प्रशासन हैदराबाद से अमरावती शिफ्ट किया था। हैदाबाद अब तेलंगाना की राजधानी बन गया है। प्रजा वेदिका का निर्माण सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एपीसीआरडीए) के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास के रूप में किया था। पांच करोड़ रुपए में बने इस आवास का इस्तेमाल नायडू आधिकारिक कार्यों के साथ ही पार्टी की बैठकों के लिए करते थे।
नायडू ने इस महीने के शुरू में मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी को पत्र लिखकर इस ढांचे का उपयोग बैठकों के लिए करने देने की इजाजत मांगी थी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया था कि वह इसे नेता प्रतिपक्ष का आवास घोषित कर दे लेकिन सरकार ने प्रजा वेदिका को कब्जे में लेने का शुक्रवार निर्णय लिया और घोषणा की कि कलेक्टरों का सम्मेलन वहां होगा। पहले यह सम्मेलन राज्य सचिवालय में होना तय था। नायडू इस समय परिवार के सदस्यों के साथ विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं।
टीडीपी नेता और विधान परिषद के सदस्य अशोक बाबू ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने नायडू के निजी समानों को बाहर फेंक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसर को कब्जे में लेने के सरकार के निर्णय के बारे में पार्टी को बताया तक नहीं गया। नगरपालिका मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने हालांकि तंज कसा और कहा कि नायडू के साथ उसी तरह का बर्ताव किया जाएगा, जिस तरह का बर्ताव जगन मोहन रेड्डी के साथ किया गया था, जब वह नेता प्रतिपक्ष थे।