चंडीगढ़ में आईएएस ऑफिसर ने सीपीआर देकर बचाई व्यक्ति की जान, वायरल हुआ वीडियो
By शिवेंद्र राय | Published: January 18, 2023 06:14 PM2023-01-18T18:14:35+5:302023-01-18T18:16:19+5:30
सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। यह एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो सांस न ले पा रहा हो और बेहोश जो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है।

चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिव हैं यशपाल गर्ग
चंडीगढ़: चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने मंगलवार, 17 जनवरी की सुबह एक व्यक्ति को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देकर उसकी जान बचा ली। अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और आईएएस अधिकारी यशपाल गर्ग की जमकर तारीफ की जा रही है।
IAS officer, Yash Pal Garg posted at Chandigarh saved a human life by giving CPR as first aid. CPR is indeed very valuable life saving lesson we all must know. Salute to this IAS officer whose presence of mind save a life pic.twitter.com/jMSwA3z02j
— Naina Mishra (@Nainamishr94) January 18, 2023
जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) कार्यालय में सेक्टर-41 निवासी जनक लाल अचानक दिल का दौरा पड़ने के कारण गिर गये। वह अपने खिलाफ भवन निर्माण के एक मामले को लेकर सीएचबी कार्यालय आए थे। हाउसिंग बोर्ड कार्यालय में ही दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी हालत खराब हो गई। हालांकि मौके पर मौजूद चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत ही सीपीआर देना शुरू कर दिया और इसके कारण व्यक्ति की जान बच गई।
बाद में घटना की जानकारी देते हुए यशपाल गर्ग ने बताया कि वह सीएचबी में अपने कक्ष में थे। तभी जनसंपर्क निदेशक राजीव तिवारी मेरे चेंबर में यह कहते हुए दौड़े आए कि सीएचबी सचिव के चेंबर में एक व्यक्ति गिर गया है। मैं वहां गया और उसे सीपीआर दिया।
क्या होता है सीपीआर
सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। यह एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो सांस न ले पा रहा हो और बेहोश जो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है। दिल के दौरे का शिकार हुए व्यक्ति को अगर समय पर सीपीआर दी जाए तो इसकी जान बचाई जा सकती है। सीपीआर क्रिया करने में सबसे पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है और प्राथमिक उपचार देने वाला व्यक्ति उसके पास घुटनों के बल बैठ जाता है। सीपीआर में मुख्य रुप से दो काम किए जाते हैं। पहला छाती को दबाना और दूसरा मुँह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं। पहली प्रक्रिया में पीड़ित के सीने के बीचोबीच हथेली रखकर पंपिंग करते हुए दबाया जाता है। एक से दो बार ऐसा करने से धड़कनें फिर से शुरू हो जाती हैं।