कलकत्ता विश्वविद्यालय पहुंचे कुलाधिपति धनखड़, राज्यपाल की अगवानी के लिए कुलपति नहीं थीं मौजूद
By भाषा | Published: December 4, 2019 07:53 PM2019-12-04T19:53:57+5:302019-12-04T19:53:57+5:30
राज्यपाल ने सरकार पर प्रहार करते हुए राज्य की शिक्षा प्रणाली के नीतिगत पंगुता के शिकार होने का आरोप लगाया। नाराज नजर आ रहे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति धनखड़ ने अपने दौरे की सूचना देने के बावजूद कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बंदोपाध्याय के अनुपस्थित रहने के लिए राजनीति को जिम्मेदार माना।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ बुधवार को जब यहां कलकत्ता विश्वविद्यालय के कॉलेज स्ट्रीट परिसर में पहुंचे तब वहां कोई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं था।
उस पर राज्यपाल ने सरकार पर प्रहार करते हुए राज्य की शिक्षा प्रणाली के नीतिगत पंगुता के शिकार होने का आरोप लगाया। नाराज नजर आ रहे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति धनखड़ ने अपने दौरे की सूचना देने के बावजूद कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बंदोपाध्याय के अनुपस्थित रहने के लिए राजनीति को जिम्मेदार माना।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘ मैंने कुलपति को संदेश भेजा था कि मैं दो बजे आ रहा हूं और मैं विश्वविद्यालय एवं उसके पुस्तकालय का दौरा करूंगा। नियमित संदेश भी भेजा गया था.... जब मैं यहां आया तब आपने देखा ही है कि मेरी अगवानी के लिए कोई मौजूद नहीं था।’’
धनखड़ को विश्वविद्यालय के कर्मचारी ने एक कमरे में बिठाया। उन्होंने एक बार फिर कहा कि राज्य की शिक्षा प्रणाली नीतिगत पंगुता की शिकार है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं हाथ जोड़कर (राज्य) सरकार से विश्वविद्यालयों का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील करता हूं।
भगवान के लिए, शिक्षा को बर्बाद मत कीजिए। हमारे विश्वविद्यालयों को इंसाफ का मंदिर बने रहना चाहिए । कुलपति को कानून के अनुसार काम करने दें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आपकी कुछ भूमिका है, मेरी कुछ भूमिका है। हमारी भूमिकाएं परिभाषित हैं, हम एक दूसरे के क्षेत्र में कदम नहीं रखें।
यदि सरकार की कुछ भूमिका है तो मेरी भी बतौर कुलाधिपति कुछ भूमिका है, हमें विश्वविद्यालय की भलाई के लिए इसे निभाना चाहिए।’’ इस मुद्दे पर कुलपति से उनकी टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो पाया है। राज्यपाल का ममता बनर्जी सरकार के साथ कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस उन पर लंबित विधेयकों को मंजूरी देने में देरी करने का आरोप लगा रही है।