साठ के दशक में चंबल के दस्यु सरगना रहे मोहर सिंह गुर्जर का निधन, जानें जीवन से जुड़ी खास बातें
By भाषा | Published: May 5, 2020 08:54 PM2020-05-05T20:54:38+5:302020-05-05T20:54:38+5:30
परिवारिक सूत्रों के अनुसार, गुर्जर ने 1955 में एक संपत्ति विवाद में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी और दस्यु बन गये।
भिंड: पूर्व दस्यु सरगना मोहर सिंह गुर्जर का लम्बी बीमारी के बाद सोमवार की सुबह यहां निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह 92 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनके दो बेटे और एक पुत्री हैं जबकि उनकी पत्नी का एक वर्ष पहले निधन हो चुका है। गुर्जर के भतीजे इंद्रभान सिंह ने बताया कि जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर मेहगांव स्थित निवास पर लम्बी बीमारी से बाद मंगलवार की सुबह नौ बजे उनका देहांत हो गया। मेहगांव में ही आज शाम उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
परिवारिक सूत्रों के अनुसार, गुर्जर ने 1955 में एक संपत्ति विवाद में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी और दस्यु बन गये। उसके बाद मोहर सिंह चंबल के बीहड़ों में रहने वाले खूंखार दस्यु माधो सिंह के गिरोह में शामिल हो गए।
इंद्रभान ने बताया कि 1972 में जौरा के गांधी मैदान में जयप्रकाश नारायण की मौजूदगी में मोहर सिंह ने कई बागियों के साथ हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने बताया कि गुर्जर 1995 में मेहगांव नगर पंचायत के निर्विरोध अध्यक्ष भी चुने गये थे।
पुलिस अधीक्षक नगेन्द्र सिंह ने बताया कि 60 के दशक में मोहर सिंह का दस्यु के तौर पर खासा प्रभाव था। उन पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था और पुलिस रिकार्ड में दस्यु सरगना के खिलाफ 315 अपराध दर्ज थे। गुर्जर 85 हत्याओं के आरोपी भी थे।