आपदा प्रबंध के दौरान स्पष्ट रहे ‘चेन ऑफ कमांड’, सुनिश्चत करें कि प्रबंधन में भारत नंबर-1 हो: अमित शाह
By भाषा | Published: June 29, 2019 05:19 PM2019-06-29T17:19:02+5:302019-06-29T17:19:02+5:30
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि आपदा से निपटने के दौरान जब विभिन्न पक्ष साथ मिलकर काम करते हैं तो ऐसे में स्पष्ट ‘चेन ऑफ कमांड’ होना चाहिए और सरकारी एजेंसियां सुनिश्चित करें कि ऐसी आपात स्थितियों से निपटने में भारत नंबर-1 बने।
नयी दिल्ली, 29 जूनः केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि आपदा से निपटने के दौरान जब विभिन्न पक्ष साथ मिलकर काम करते हैं तो ऐसे में स्पष्ट ‘चेन ऑफ कमांड’ होना चाहिए और सरकारी एजेंसियां सुनिश्चित करें कि ऐसी आपात स्थितियों से निपटने में भारत नंबर-1 बने। गृह मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में शाह ने कहा कि भौगोलिक विविधता और विस्तार के कारण भारत में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बहुत ज्यादा है ऐसे में इन खतरों के प्रति बेहतर निरोध और प्रबंधन क्षमता का त्वरित विकास आवश्यक है।
शाह राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में राज्य आपदा मोचन बलों (एसडीआरएफ), होम गार्ड, सिविल डिफेंस और दमकल विभाग के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन क्षमताओं में विकास के विषय पर बात कर रहे थे। एनडीआरएफ केन्द्रीय एजेंसी है और प्राकृतिक तथा मानवजनित आपदाओं की सूरत में तत्काल मदद उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न राज्यों में इसके 12 आधार केन्द्र हैं। बैठक में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि आपदाओं से निपटने के दौरान विभिन्न एजेंसियों, पक्षों और विभागों के बीच स्पष्ट ‘चेन ऑफ कमांड’ होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मैंने प्रोटोकॉल और पदानुक्रम की अनुपस्थिति में बेहद गड़बड़ वाली स्थिति पैदा होते हुए देखा है।’’ देश की नौकरशाही प्रणाली की यह सबसे बड़ी कमी है कि जबतक औपचरिक या आधिकारिक आदेश जारी ना हो, कोई ध्यान नहीं देता है। मंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ जैसी एजेंसियों को अपनी तारीफ से निश्चिंत नहीं हो जाना चाहिए, बल्कि उन्हें बेहतर सेवा देनी चाहिए।
शाह ने कहा, ‘‘अब वक्त आ गया है कि हम काम करें और सुनिश्चित करें कि आपदा प्रबंधन में भारत नंबर-1 बन जाए। इस लक्ष्य का पाने का रास्ता जरुर लंबा है लेकिन हमारा लक्ष्य यही होना चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि आपदाओं से निपटने में दुनिया हमसे सबक ले।’’