भारतीय सेना में जारी रहेगी गोरखा सैनिकों की भर्ती, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने स्पष्ट की स्थिति

By शिवेंद्र राय | Published: August 25, 2022 06:11 PM2022-08-25T18:11:58+5:302022-08-25T18:13:28+5:30

भारतीय सेना में नेपाली गोरखाओं की भर्ती 1947 में भारत, नेपाल और ब्रिटेन के बीच हुई त्रिपक्षीय संधि के तहत होती है। 25 अगस्त से भारतीय सेना के लिए नेपाली गोरखा सैनिकों की भर्ती होनी थी लेकिन नेपाल सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर असमंजस के कारण यह भर्ती टालनी पड़ी। सवाल उठने के बाद भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखेगा।

Centre said looking forward to continuing to recruit Gorkha soldiers to the Army | भारतीय सेना में जारी रहेगी गोरखा सैनिकों की भर्ती, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने स्पष्ट की स्थिति

भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रहेगी

Highlightsभारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने स्पष्ट की स्थितिभारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रहेगीनेपाल सरकार ने स्पष्ट नहीं किया है अग्निपथ योजना पर अपना रुख

नई दिल्ली: नेपाल के बुटवल में 25 अगस्त से 7 सितंबर तक और धरान में 19 से 28 सितंबर तक भारतीय सेना के लिए नेपाली गोरखाओं के लिए भर्ती रैली होनी थी।लेकिन नेपाल सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर असमंजस के कारण यह भर्ती टालनी पड़ी है। अग्निपथ पर नेपाल सरकार के रूख को देखते हुए ये सवाल उठने लगे थे कि आने वाले समय में भारतीय सेना में नेपाली गोरखा युवाओं की भर्ती होगी या नहीं। इस मुद्दे पर भारत ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वह अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखेगा। 

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हम लंबे समय से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती कर रहे हैं और आगे भी अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखने के लिए तत्पर हैं। 14 जून 2022 को भारत सरकार ने एक अहम घोषणा करते हुए अग्निपथ योजना के बारे में बताया था। इसके अनुसार 17 से 21 साल के युवाओं को अग्निवीर के रूप में केवल 4 साल के लिए चुना जाएगा। बाद में इन युवाओं में से 25 प्रतिशत को प्रदर्शन के आधार पर नियमित किया जाएगा।

अग्निपथ योजना पर चिंता जताते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के विदेश मामलों के सलाहकार अरुण कुमार सुबेदी ने कहा था कि हमारी चिंता है कि चार साल भारतीय सेना में रहने के बाद जो नौजवान वापस आएंगे, वे क्या करेंगे? उनके पास फौज की आधुनिक ट्रेनिंग होगी और ऐसे में इस बात की आशंका है कि उनकी ट्रेनिंग का कोई दुरुपयोग ना कर ले।

अरिंदम बागची ने सितंबर की शुरुआत में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा और रोहिंग्याओं के मुद्दे पर कहा, "मुझे उस पर कुछ नहीं कहना है, मेरे पास उस पर कोई अपडेट नहीं है। रोहिंग्याओं के बारे में गृह मंत्रालय एक विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। इस समय हमारे पास उसमें जोड़ने के लिए और कुछ नहीं है।"

बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की आगामी भारत यात्रा के दौरान उनके एजेंडे में रोहिंग्याओं की स्वदेश वापसी को शामिल किए जाने की संभावना है।

Web Title: Centre said looking forward to continuing to recruit Gorkha soldiers to the Army

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