जम्मू-कश्मीर से क्यों हटाया आर्टिकल 370, केन्द्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

By भाषा | Published: November 11, 2019 10:58 PM2019-11-11T22:58:01+5:302019-11-11T22:58:01+5:30

केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को कहा, ‘‘आतंकवादी और अलगाववादी तत्व भारत विरोधी विदेशी ताकतों के समर्थन से हालात का फायदा उठा रहे थे और राज्य की जनता में कलह, असंतोष और अलगाववादी भावनाओं का बीज बो रहे थे।’’

Centre modi givt justifies Article 370 decision in Supreme Court | जम्मू-कश्मीर से क्यों हटाया आर्टिकल 370, केन्द्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

जम्मू-कश्मीर से क्यों हटाया आर्टिकल 370, केन्द्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

Highlightsसंविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था। विभिन्न याचिकाओं के जवाब में केंद्र ने कहा कि अपने मूल रूप में अनुच्छेद 370 को संवैधानिक रूप से जम्मू और कश्मीर के संबंध में एक अस्थायी प्रावधान बताया गया था।

केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि आतंकवादी और विदेशी तत्व भारत विरोधी ताकतों के समर्थन से स्थिति का फायदा उठा रहे थे। गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था।

न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति एस के कौल, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की सदस्यता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों और अनुच्छेद 35 ए को समाप्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई करने वाली है।

विभिन्न याचिकाओं के जवाब में केंद्र ने कहा कि अपने मूल रूप में अनुच्छेद 370 को संवैधानिक रूप से जम्मू और कश्मीर के संबंध में एक अस्थायी प्रावधान बताया गया था, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत किये गए संविधान का हिस्सा था। केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि विगत वर्षों में देखा गया कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत मौजूदा व्यवस्था और अनुच्छेद 370 (1) (डी) के तहत राष्ट्रपति के आदेश के जरिये संविधान के अन्य प्रावधानों में बनाए गए अपवाद/ सुधार पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का देश के शेष हिस्से के साथ पूर्ण एकीकरण में मदद करने की जगह बाधा पहुंचा रहे थे, जो न तो राष्ट्रीय हित में था और न ही जम्मू कश्मीर राज्य के हित में था।

हलफनामे में कहा गया है, ‘‘आतंकवादी और अलगाववादी तत्व भारत विरोधी विदेशी ताकतों के समर्थन से हालात का फायदा उठा रहे थे और राज्य की जनता में कलह, असंतोष और अलगाववादी भावनाओं का बीज बो रहे थे।’’ केंद्र ने कहा,‘‘इसके अलावा तत्कालीन राज्य के निवासियों को देश के अन्य सभी नागरिकों को भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के सभी लाभों से भी वंचित किया जा रहा था।’’

केंद्र ने कहा कि इसपर विवाद नहीं हो सकता है कि अस्थायी प्रावधान होने के बावजूद सात दशकों तक अनुच्छेद 370 के रहने से पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के लोग विकसित हो रही कानूनी व्यवस्था का लाभ प्राप्त करने से वंचित रहे, क्योंकि संविधान में संशोधन और संसद के अन्य कानून उक्त राज्य पर लागू नहीं हो रहे थे, जो अलगाववादी मानसिकता पैदा कर रहे थे। हलफनामे में कहा गया है कि तदनुसार, एक निर्णय लिया गया कि यह राष्ट्रीय और देश की सुरक्षा और अखंडता के हित में होगा कि अनुच्छेद 370 के तहत मौजूदा व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाए। 

Web Title: Centre modi givt justifies Article 370 decision in Supreme Court

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