राफेल फैसला: पुनर्विचार याचिकाओं पर केन्द्र सरकार ने दायर किया जवाबी हलफनामा, अपने पुराने रुख पर कायम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 4, 2019 11:41 AM2019-05-04T11:41:28+5:302019-05-04T11:41:28+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीदने को चुनौती देने वाली याचिकायें 14 दिसंबर, 2018 को खारिज कर दी थी। याचिकायें खारिज करते हुये सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में निर्णय लेने की प्रक्रिया के बारे में संदेह करने की कोई वजह नहीं है।
केन्द्र सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे के फैसले की पुनर्विचार याचिकाओं पर हलफनामा (एफिडेविट) दाखिल कर दिया है। जवाबी हलफनामा दायर करते हुए केंद्र सरकार अपने पुराने जवाब पर ही कायम है। केंद्र सरकार ने कहा है कि याचिकाकर्ता ने गोपनीय दस्तावेज का खुलासा कर देश की संप्रभुता को खतरे में डाला है, इसलिए यह याचिका खारिज की जाए। इस मामले पर अगली सुनवाई छह मई को है।
सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल 2019 को केन्द्र को निर्देश दिया था कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर उसके फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकाओं पर चार मई तक जवाब दाखिल करे।
Centre files fresh affidavits in Rafale review case in SC saying- the Dec 14, 2018 judgement upholding 36 Rafale jets' deal was correct and unsubstantiated media reports and/or part internal file notings deliberately projected in a selective manner cannot form basis for review. pic.twitter.com/oMfFYdZltG
— ANI (@ANI) May 4, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीदने को चुनौती देने वाली याचिकायें 14 दिसंबर, 2018 को खारिज कर दी थीं। याचिकायें खारिज करते हुये सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में निर्णय लेने की प्रक्रिया के बारे में संदेह करने की कोई वजह नहीं है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण के अलावा आप पार्टी के नेता संजय सिंह, अधिवक्ता विनीत ढांडा ने भी शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिये याचिकाएं दायर की है।