जम्मू-कश्मीर में 15 साल रहने वाले लोग बन सकेंगे स्थायी निवासी, केंद्र सरकार ने डोमिसाइल नीति में किया बदलाव

By निखिल वर्मा | Published: April 1, 2020 02:49 PM2020-04-01T14:49:30+5:302020-04-01T14:55:08+5:30

जम्मू-कश्मीर में विशेष राज्य के दर्ज के प्रावधानों को खत्म करने के बाद अब केंद्र सरकार ने निवासियों की परिभाषा में परिवर्तन किया है. नए नियम के तहत अब वहां देश के किसी भी हिस्से के लोग स्थायी निवासी बन सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ शर्तों को पूरा करना होगा.

Centre defines new domicile rule for jammu kashmir includes residents for 15 years | जम्मू-कश्मीर में 15 साल रहने वाले लोग बन सकेंगे स्थायी निवासी, केंद्र सरकार ने डोमिसाइल नीति में किया बदलाव

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsजम्मू-कश्मीर में एक निश्चित अवधि तक नौकरी और पढ़ाई करने वाले लोग राज्य के निवासी माने जाएंगेजम्मू-कश्मीर में अब तहसीलदार भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने का सक्षम अधिकारी होगा.

जम्मू-कश्मीर से आठ महीने पहले आर्टिकल 370 और 35 ए के प्रावधानों के खत्म करने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य के लिए नई डोमिसाइल नीति जारी की है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब स्थायी निवासी होने के शर्तों में बदलाव किया गया है। नए नियम के तहत जम्मू-कश्मीर में 15 साल रहने वाला व्यक्ति अब राज्य का निवासी कहलाएगा। इसके अलावा देश के किसी भी हिस्से के लोग यहां नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं और जम्मू-कश्मीर में बस सकते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार,मंगलवार को केंद्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश 2020 में सेक्शन 3 ए जोड़ा है। इसके तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के निवासी होने की परिभाषा तय की गई है। गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार (31 मार्च) को जारी अधिसूचना के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रहा हो या जिसने सात साल की अवधि तक पढ़ाई की हो या इसके अलावा  10 वीं / 12 वीं बोर्ड की परीक्षा में उपस्थित हुआ हो, वह यहां का निवासी माना जाएगा।

इसके अलावा सरकारी आदेश में कहा गया कि केंद्र सरकार के अधिकारी, भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त रिसर्च सेंटर में 10 साल सेवा दे चुके लोग भी यहां के निवासी माने जाएंगे। इन नियमों को पूरा करने वालों के संतान भी जम्मू-कश्मीर के निवासियों की श्रेणी में रखे जाएंगे।

5 अगस्त से पहले जम्मू-कश्मीर में धारा 35 ए के तहत राज्य के निवासियों को प्रमाणित किया जता था। नौकरी और संपत्ति के स्वामित्व का निर्णय भी इसी धारा के तहत होता था। 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए के प्रावधानों को खत्म कर दिया है। जम्मू-कश्मीर राज्य से जुड़े 29 कानूनों को रद्द कर दिया गया जबकि 109 कानूनों में संशोधन किया गया। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया। पहले डिप्टी कमिश्नर ही डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए सक्षम अधिकारी होता था लेकिन अब तहसीलदार भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने का योग्य अधिकारी होगा।

Web Title: Centre defines new domicile rule for jammu kashmir includes residents for 15 years

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