केंद्र सरकार सख्त, राज्यों से ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत का आंकड़ा मांगा, संसद में हो रहा हंगामा
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 27, 2021 06:08 PM2021-07-27T18:08:02+5:302021-07-27T18:09:16+5:30
राज्यों द्वारा प्रस्तुत आंकड़े संसद के मानसून सत्र के 13 अगस्त को समाप्त होने से पहले पेश किए जाने की संभावना है।
नई दिल्लीः केंद्र ने मंगलवार को राज्यों से ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों का डेटा जमा करने को कहा है। यह निर्देश सरकार के हालिया बयान के बाद आया है कि देश में दूसरी COVID-19 लहर के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई भी मौत “विशेष रूप से रिपोर्ट” नहीं की गई थी।
सूत्रों ने कहा कि राज्यों द्वारा प्रस्तुत आंकड़े संसद के मानसून सत्र के 13 अगस्त को समाप्त होने से पहले पेश किए जाने की संभावना है। यह मामला संसद में उठाया गया था जिसमें विपक्षी सदस्यों ने सरकार और टीकाकरण कार्यक्रम द्वारा कोविड महामारी से निपटने की आलोचना की थी।
लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण सड़कों पर मर रहे हैं, जो 21वीं सदी में शर्म की बात है। कांग्रेस ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार पर "गलत सूचना" देकर संसद को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई थी।
औसत दैनिक मामलों में कमी आने की दर धीमी हुई है जो चिंता का कारण
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पिछले कुछ सप्ताहों में कोविड-19 के औसत दैनिक मामलों में कमी आने की दर धीमी हुई है जो चिंता का कारण है। इसने यह भी कहा कि 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 54 जिले ऐसे हैं जहां 26 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक रही।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पांच मई से 11 मई के बीच औसत तौर पर दैनिक मामलों की संख्या 3,87,029 थी जो 21 से 27 जुलाई के बीच घटकर 38,090 तक हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सप्ताहों में कोविड-19 के औसत दैनिक मामलों में कमी आने की दर धीमी हुई है जो चिंता का कारण है।
अग्रवाल ने कहा कि पिछले चार सप्ताहों से सात राज्यों के 22 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक मामलों में वृद्धि की खबरें मिल रही हैं और यह भी चिंता वाली बात है। उन्होंने कहा कि आठ जिले ऐसे हैं जहां संक्रमण दर में कमी देखने को मिल रही थी, लेकिन अब इन जिलों में महामारी के मामलों में वृद्धि हो रही है और ‘‘हम स्थिति को हल्के में नहीं ले सकते।’’
सरकार ने कहा कि सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के एक अध्ययन (15 लाख डॉक्टरों और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों से संबंधित) में पाया गया है कि कोविशील्ड टीका संक्रमण के खिलाफ 93 प्रतिशत सुरक्षा उपलब्ध कराता है और इससे मृत्यु दर में 98 प्रतिशत कमी देखने को मिली। भारत में 132 दिन बाद कोविड-19 के 30 हजार से कम नए मामले सामने आए।
वहीं, 124 दिन बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या चार लाख से कम है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह आठ बजे जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में कोविड-19 के 29,689 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,14,40,951 हो गई।
उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम होकर 3,98,100 रह गई है, जो कुल मामलों का 1.27 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 13,089 कमी आई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.39 प्रतिशत है।