पूरे देश में एनआरसी लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार करे केंद्र सरकार: शिया बोर्ड

By भाषा | Published: December 8, 2019 08:33 PM2019-12-08T20:33:40+5:302019-12-08T20:33:40+5:30

इस वार्षिक अधिवेशन में पारित प्रस्ताव में केंद्र सरकार से यह भी मांग की गई कि केंद्र सरकार शिया मुसलमानों को शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले और नौकरियों में आरक्षण दे। साथ ही मरकजी हज कमेटी में भी शियाओं को उचित नुमाइंदगी देने के साथ-साथ उनकी धार्मिक रीति के अनुसार सहूलियत भी मुहैया कराए।

Central government should reconsider decision to implement NRC across the country: Shia Board | पूरे देश में एनआरसी लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार करे केंद्र सरकार: शिया बोर्ड

पूरे देश में एनआरसी लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार करे केंद्र सरकार: शिया बोर्ड

Highlightsशिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार से एनआरसी जैसी व्यवस्था पूरे देश में लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की प्रस्ताव में भीड़ हिंसा के खिलाफ कड़े कानून के लिए भी केंद्र सरकार से मांग की गई है।

देश में शिया मुसलमानों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) जैसी व्यवस्था पूरे देश में लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। बोर्ड ने अपने वार्षिक अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर कहा कि बोर्ड केंद्र सरकार से गुजारिश करता है कि वह पूरे देश में एनआरसी जैसी व्यवस्था लागू करने के मामले पर पुनर्विचार करें, ताकि वे शिया मुसलमान जो हिंदुस्तान के वफादार नागरिक तो हैं मगर किसी कारणवश वे कोई संपत्ति नहीं खरीद सके या उनका कोई शैक्षिक रिकॉर्ड नहीं है तो उन्हें कोई समस्या न हो।

बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि बोर्ड ने नागरिकता संशोधन विधेयक में शिया मुस्लिमों का ख्याल रखने की मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जुल्म का शिकार हो रहे शिया मुसलमानों को भी गैर मुस्लिमों की तरह हिंदुस्तान की नागरिकता देने की व्यवस्था की जाए।

इस वार्षिक अधिवेशन में पारित प्रस्ताव में केंद्र सरकार से यह भी मांग की गई कि केंद्र सरकार शिया मुसलमानों को शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले और नौकरियों में आरक्षण दे। साथ ही मरकजी हज कमेटी में भी शियाओं को उचित नुमाइंदगी देने के साथ-साथ उनकी धार्मिक रीति के अनुसार सहूलियत भी मुहैया कराए।

प्रस्ताव में भीड़ हिंसा के खिलाफ कड़े कानून के लिए भी केंद्र सरकार से मांग की गई है। इसमें यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें शिया मुसलमानों को उनकी आबादी के अनुपात में संसद और विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व दें और कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में शियाओं के लिए उसी तरह सीट आरक्षित की जाएं जैसे दलितों और महिलाओं के लिए की जाती हैं, नहीं तो शिया इसे अपने प्रति भेदभाव मानेंगे।

बोर्ड ने केंद्र सरकार से यह भी मांग की है कि हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को शिक्षण पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए क्योंकि हिंदुस्तान के करोड़ों लोग उनके प्रति श्रद्धा रखते हैं और उनकी शहादत की याद भी मनाते हैं। इसने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक करने की कोशिशों का वह विरोध करता है और मांग करता है कि शिया वक्फ बोर्ड का अलग वजूद बना रहे। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के इस जलसे में देश के तमाम हिस्सों से बड़ी संख्या में पहुंचे शिया धर्मगुरुओं ने हिस्सा लिया। 

Web Title: Central government should reconsider decision to implement NRC across the country: Shia Board

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