पैन और आधार लिंक करने की तारीख 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर तक की गई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 28, 2019 08:03 PM2019-09-28T20:03:09+5:302019-09-28T20:58:40+5:30
सरकार ने आयकर विभाग की आनलाइन ई- आकलन की जिस सुविधा को अगले महीने से शुरू करने की तैयारी की है उसमें यदि किसी करदाता के पास स्थायी खाता संख्या (पैन) या फिर ई- फाइलिंग खाता नहीं होगा तो वह विभाग की ई- आकलन प्रणाली का लाभ उठाने का पात्र नहीं होगा।
स्थायी खाता संख्या (पैन) से आधार को जोड़ने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर दी गयी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शनिवार को इस बारे में एक आदेश जारी किया।
पहले यह समयसीमा 30 सितंबर थी। पैन कार्ड का इस्तेमाल आयकर रिटर्न भरने में होता है। सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति निर्धारण करने वाला शीर्ष निकाय है। यह सातवीं बार है जब सरकार ने आधार को पैन से जोड़ने की समय-सीमा बढ़ायी है। आयकर भरने के लिए आधार को पैन से जोड़ना अब अनिवार्य हो चुका है।
पिछले साल सितंबर में उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार की आधार योजना को संवैधानिक स्तर पर सही करार दिया था और पैन को आधार आपस से जोड़ने को अनिवार्य बनाए जाने की सरकार की योजना को विधि सम्मत करार दिया था। आयकर कानून की धारा 139एए(2) में कहा गया है कि हर व्यक्ति जिसके पास एक जुलाई 2017 को पैन कार्ड था और जो आधार कार्ड प्राप्त करने का पात्र है, उसे अपना आधार नंबर कर अधिकारियों को देना अनिवार्य है।
Central Board of Direct Taxes (CBDT) extends the date for linking PAN & Aadhaar from 30th September, 2019 to 31st December, 2019. pic.twitter.com/nGsULxLnuj
— ANI (@ANI) September 28, 2019
सरकार ने आयकर विभाग की आनलाइन ई- आकलन की जिस सुविधा को अगले महीने से शुरू करने की तैयारी की है उसमें यदि किसी करदाता के पास स्थायी खाता संख्या (पैन) या फिर ई- फाइलिंग खाता नहीं होगा तो वह विभाग की ई- आकलन प्रणाली का लाभ उठाने का पात्र नहीं होगा।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के ताजा निर्देश में यह जानकारी दी गई है। सरकार ने आठ अक्टूबर से कर रिटर्न का चेहरा रहित और नाम रहित आनलाइन आकलन करने की सुविधा शुरू करने की घोषणा की है। सीबीडीटी ने कहा है कि ऐसे मामले जहां कर अधिकारी ने छापा मारा है और जिन मामलों को ‘‘असाधारण परिस्थिति’’ वाला बताया गया है, उन मामलों को भी इस नई चेहरा रहित आकलन प्रणाली में शामिल नहीं किया जायेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर रिटर्न के आकलन को दबाव रहित और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिये आयकर विभाग नई प्रणाली शुरू करेगा। कंप्यूटर प्रणाली के जरिये करदाता और आयकर अधिकारी के बीच आमना सामना हुये बिना आगे बढ़ाने वाली इस आकलन प्रणाली को ई- आकलन का नाम दिया गया है। इसमें पूरी जांच परख कंप्यूटर प्रणाली पर आनलाइन ही होगी। किसी को भी आयकर अधिकारी के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
बहरहाल, सीबीडीटी ने इस नई प्रणाली से जिन लोगों को अलग रखा गया है उसके बारे में जानकारी देते हुये शुक्रवार को सर्कुलर जारी किया। पीटीआई- भाषा ने सर्कुलर को देखा है। इसमें कहा गया है कि जहां आयकर रिटर्न (आईटीआर) को दस्तावेजी रूप में दाखिल किया गया है और संबंधित करदाता का अब तक ई- फाइलिंग खाता नहीं है, पैन नहीं है, ऐसे मामले जहां प्रशासनिक मुश्किलें हैं, जटिल मामला है या फिर उसमें कुछ असाधारण परिस्थितियां हैं, ऐसे सभी मामलों को नई प्रणाली से अलग रखा जायेगा।
सर्कुलर में कहा गया है कि जांच अथवा छापे वाले कर आकलन मामलों अथवा जिन मामलों को पहले हुई जांच की वजह से अलग रखा गया है, ऐसे मामलों को भी नई ई-आकलन प्रणाली से अलग रखा जायेगा। सरकार ने आयकर रिटर्न के ई- आकलन के लिये एक राष्ट्रीय केन्द्र हाल ही में दिल्ली में स्थापित किया है। करदाताओं को उनके रिटर्न की जांच परख अथवा आनलाइन आकलन की नई प्रणाली का ही यह हिस्सा है।