केंद्र, आप सरकार सवैतनिक माहवारी अवकाश की जनहित याचिका को अभ्यावेदन मानकर निर्णय लें: अदालत
By भाषा | Published: November 23, 2020 03:41 PM2020-11-23T15:41:04+5:302020-11-23T15:41:04+5:30
नयी दिल्ली, 23 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म के दौरान सवैतनिक अवकाश देने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र और आप सरकार से कहा कि इस याचिका को वह अभ्यावेदन की तरह मानें और व्यावहारिक निर्णय लें। मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से कहा कि वह इस अभ्यावेदन पर कानून, नियम-कायदों और इस तरह के मामलों में लागू होने वाली नीति के अनुरूप जल्द से जल्द ऐसा फैसला लें जो व्यावहारिक भी हो।
इसके साथ पीठ ने मामले का निबटारा कर दिया।
दिल्ली कामगार संघ की याचिका में सभी वर्ग की महिला कर्मचारियों को महीने में चार दिन का सवैतनिक अवकाश देने की मांग की गई थी। इसमें यह भी कहा गया कि माहवारी के दौरान भी यदि कर्मचारी काम करती हैं तो उन्हें ‘‘अतिरिक्त समय काम करने लिए दिया जाने वाला भत्ता’’ दिया जाए।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस याचिका का संबंध जीवन के अधिकार और महिला कर्मचारियों के सम्मान से है।
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