केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- जिम्मेदारी से नहीं भाग रहा केन्द्र, राजस्व नुकसान की भरपाई पर जीएसटी परिषद करेगी विचार

By भाषा | Published: September 19, 2020 07:02 AM2020-09-19T07:02:51+5:302020-09-19T07:02:51+5:30

वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस की वजह से राजस्व में हुये नुकसान की भरपाई के लिये हम कर दरें बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहे हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को जीएसटी राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है।

Center not running responsibly, GST Council will consider compensation for revenue loss says nirmala Sitharaman | केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- जिम्मेदारी से नहीं भाग रहा केन्द्र, राजस्व नुकसान की भरपाई पर जीएसटी परिषद करेगी विचार

फाइल फोटो।

Highlightsवित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान के मामले में वह अपने पूर्ववर्ती वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा किये गये वादे का सम्मान करेंगी। चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को जीएसटी राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है।

नई दिल्लीः राज्यों को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केन्द्र के अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने के विपक्ष के आरोपों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि क्षतिपूर्ति मामले पर जीएसटी परिषद ही विचार कर कोई रास्ता निकालेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस क्षतिपूर्ति को भारत की संचित निधि से पूरा करने का कोई प्रावधान नहीं है।

अनुदान मांगों पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान के मामले में वह अपने पूर्ववर्ती वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा किये गये वादे का सम्मान करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे हम मौजूदा देवीय संकट में ही क्यों न हों, लेकिन हम राज्यों को किस प्रकार से क्षतिपूर्ति की जाये परिषद में इस पर चर्चा करेंगे .. परिषद इस पर गौर करेगी कि किस प्रकार राजस्व भरपाई के लिये कर्ज लिया जा सकता है।’’

वित्त मंत्री ने हालांकि, इस कमी को भारत की संचित निधि से भरपाई किये जाने को खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह भुगतान क्षतिपूर्ति उपकर कोष से होना चाहिये। सीतारमण के जवाब के बाद लोकसभा ने ‘वर्ष 2020-21 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके तहत 2,35,852 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय के लिए संसद से मंजूरी मांगी गई।

निचने सदन ने इसके साथ ही वर्ष 2016-17 की अतिरिक्त अनुदान की मांगों को भी मंजूरी प्रदान कर दी। वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष को अफवाह फैलाने से बचना चाहिए, हम कोविड-19 के हालात में भी राज्यों का पैसा नहीं रोक रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के मामले में केन्द्र अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहा है। राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति भारत की संचित निधि से देने का कोई प्रावधान नहीं है, इस मुद्दे पर जीएसटी परिषद में ही विचार विमर्श होगा।’’

वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस की वजह से राजस्व में हुये नुकसान की भरपाई के लिये हम कर दरें बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहे हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को जीएसटी राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है। केन्द्र का मानना है कि इसमें से 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी के क्रियान्वयन की वजह से आयेगी जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये की कमी कोविड- 19 महामारी के प्रभाव की वजह से होगी।

उल्लेखनीय है कि गैर- भाजपा शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर जीएसटी भरपाई के लिये राज्यों द्वारा बाजार से उधार लेने के विकल्प का विरोध किया है। पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडू इसे राज्यों पर और बोझ बढ़ाने वाला बताया।

सीतारमण ने कहा, ‘‘इस तरह की बातों में कोई सचाई नहीं है कि केन्द्र द्वारा वसूले गये कर में राज्यों को उनका वाजिब हिस्सा नहीं दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के कर संग्रह में 29.1 प्रतिशत की गिरावट आई है लेकिन राज्यों को निर्वाध रूप से पैसा जारी किया गया है।’’

मनरेगा को लेकर विपक्षी दलों के तंज पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अनुदान मांगों के तहत मनरेगा के लिये अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रूपये रखे गये हैं। इसके अलावा इस बार के बजट में 61 हजार करोड़ रूपये आवंटित किये गये। कुल मिलाकर मनरेगा के लिये इस बार एक लाख करोड़ रूपये से अधिक राशि हो गई।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद मनरेगा का आवंटन लगातार बढ़ता गया। सीतारमण ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 537 अरब डॉलर से अधिक का हो गया है जो की 19 माह के आयात के लिये काफी है। एफडीआई भी बढ़ा है जो अर्थव्यवस्था में भरोसे को बताता है।

उन्होंने कोरोना वायरस महामारी को ‘दैवीय घटना’ (एक्ट ऑफ गॉड) कहने संबंधी अपनी टिप्पणी को लेकर की गई आलोचनाओं पर कहा कि व्यंग्य किये गए जबकि सब जानते हैं कि कोरोना वायरस की समस्या से निपटने के लिए कोई इलाज और कोई टीका अभी तक विकसित नहीं हुआ है। जीडीपी में गिरावट संबंधी आलोचना पर सीतारमण ने कहा कि पूरी दुनिया में ऐसे हालात हैं। 

Web Title: Center not running responsibly, GST Council will consider compensation for revenue loss says nirmala Sitharaman

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