केंद्र ने नागालैंड में छह महीने के लिए बढ़ाया AFSPA, जारी की अधिसूचना, कहा- राज्य की स्थिति खतरनाक

By अनिल शर्मा | Published: December 30, 2021 11:59 AM2021-12-30T11:59:56+5:302021-12-30T12:46:25+5:30

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार की राय है कि पूरे नागालैंड राज्य को शामिल करने वाला क्षेत्र इतनी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि नागरिक शक्ति की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है।

center extended afspa in nagaland for six months the government said the situation in the state is dangerous | केंद्र ने नागालैंड में छह महीने के लिए बढ़ाया AFSPA, जारी की अधिसूचना, कहा- राज्य की स्थिति खतरनाक

केंद्र ने नागालैंड में छह महीने के लिए बढ़ाया AFSPA, जारी की अधिसूचना, कहा- राज्य की स्थिति खतरनाक

Highlightsगृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि नागालैंड ऐसी अशांत और खतरनाक स्थिति में हैकेंद्र का कहना है कि नागरिक शक्ति की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है

नागलैंडः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर नागालैंड में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम 1958 (अफस्पा) को आज से छह महीने के लिए और बढ़ा दिया है। मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 'नागालैंड ऐसी अशांत और खतरनाक स्थिति में है। वहां नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का प्रयोग करना जरूरी है।'

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार की राय है कि पूरे नागालैंड राज्य को शामिल करने वाला क्षेत्र इतनी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि नागरिक शक्ति की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है। इसमें कहा गया है कि अधिनियम की धारा 4 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, "केंद्र सरकार एतद्द्वारा घोषित करती है कि 30 दिसंबर, 2021 से पूरे नागालैंड राज्य को छह महीने की अवधि के लिए 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया जाएगा।"

अधिनियम (AFSPA), जो 1958 से पूर्वोत्तर में लागू है, सशस्त्र बलों और "अशांत क्षेत्रों" में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को कानून के उल्लंघन में काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने, गिरफ्तारी और बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी लेने की बेलगाम शक्ति देता है। 

नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफिउ रियो ने 26 दिसंबर को इस बात की घोषणा की थी कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागालैंड में अधिनियम को वापस लेने की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। राज्य में 4 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जब मोन जिले में ओटिंग के पास सेना के एक असफल अभियान में 13 नागरिक मारे गए थे।

गौरतलब है कि पूर्वोत्तर में सुरक्षाबलों की मदद करने के लिए 11 सितंबर 1958 को इस कानून को पास किया गया था। वहीं 1989 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के बढ़ने के बाद यहां भी 1990 में अफस्पा लागू कर दिया गया। यह केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाता है कि अशांत क्षेत्र कौन होंगे। यह कानून केवल अशांत क्षेत्रों में ही लागू होता है।

Web Title: center extended afspa in nagaland for six months the government said the situation in the state is dangerous

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