विवाद के बाद सीबीएसई ने 10वीं की परीक्षा के कुछ प्रश्नों को हटाया, पूरे अंक दिए जाएंगे, जानिए क्या है पूरा मामला
By शीलेष शर्मा | Published: December 13, 2021 05:32 PM2021-12-13T17:32:58+5:302021-12-13T17:34:28+5:30
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रश्नपत्र पर आपत्ति जताई थी। प्रियंका ने रविवार को कहा, ‘‘अविश्वसनीय। क्या हम वास्तव में बच्चों को ऐसा निरर्थक ज्ञान दे रहे हैं? स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार महिलाओं संबंधी इन प्रतिगामी विचारों का समर्थन करती है, अन्यथा ये सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्यों शामिल होंगे?’’
नई दिल्लीः सीबीएसई ने सोमवार को 10वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा के एक गद्यांश और उससे जुड़े प्रश्नों को हटा दिया तथा छात्रों को इसके लिए पूरे अंक देने का फैसला किया।
सीबीएसई की 10वीं क्लास की अंग्रेजी परीक्षा में पूछे गये सवाल को लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के आलोचनात्मक ट्वीट और सोनिया गांधी द्वारा लोकसभा में शून्यकाल में उठाये गये मुद्दे के बाद सीबीएसई ने अपनी गलती स्वीकार कर एक सर्क्युलर जारी किया कि जिन छात्रों ने परीक्षा में इस प्रश्न को लिखा है उसके उनको पूरे अंक दिये जायेंगे।
Most #CBSE papers so far were too difficult and the comprehension passage in the English paper was downright disgusting.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 13, 2021
Typical RSS-BJP ploys to crush the morale and future of the youth.
Kids, do your best.
Hard work pays. Bigotry doesn’t.
सीबीएसई ने सफाई दी कि बड़ी संख्या में मिली शिकायतों और विशेषज्ञों की सिफारिश के बाद विवादित पेसेज़ से जुड़े सवालों को सीबीएसई ने निरस्त करने का फ़ैसला किया है इन प्रश्नों के पूरे अंक छात्रों को दिये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि सीबीएसई ने प्रश्न पत्र में महिलाओं को लेकर ऐसी टिप्पणियां की कि अभिवावकों और राजनीतिक दलों ने सरकार पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाते हुये हमला बोल दिया जिससे सरकार कठघरे में खड़ी होती नज़र आयी।
Unbelievable! Are we really teaching children this drivel?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 13, 2021
Clearly the BJP Government endorses these retrograde views on women, why else would they feature in the CBSE curriculum? @cbseindia29@narendramodi?? pic.twitter.com/5NZyPUzWxz
सोनिया गांधी ने आज लोकसभा में सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुये उस विवादित प्रश्न को तत्काल वापस लिये जाने की मांग की। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा की क्या हम छात्रों को बेहूदा बातें पढ़ा रहे हैं। यह साफ़ है कि भाजपा सरकार का इसे पूरा समर्थन मिला हुआ है और सरकार की सोच महिला विरोधी है।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मानव संसाधन मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सीबीएसई को पत्र लिख कर अपना विरोध जताया। कथित तौर पर ‘‘लैंगिक रूढ़िवादिता’’ को बढ़ावा देने और ‘‘प्रतिगामी धारणाओं’’ का समर्थन करने वाले प्रश्नों को लेकर विवाद के बाद बोर्ड ने यह कदम उठाया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (एसबीएसई) ने रविवार को इस मामले को विषय विशेषज्ञों के पास भेजा था और उनसे प्रतिक्रिया मांगी थी। शनिवार को आयोजित 10वीं की परीक्षा में प्रश्नपत्र में ‘‘महिलाओं की मुक्ति ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को समाप्त कर दिया’’ और ‘‘अपने पति के तौर-तरीके को स्वीकार करके ही एक मां अपने से छोटों से सम्मान पा सकती है’’' जैसे वाक्यों के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जतायी गई। प्रश्नपत्र के ऐसे अंश सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
इन प्रश्नों को लेकर ट्विटर पर लोगों ने सीबीएसई पर निशाना साधा और उपयोगकर्ता हैशटैग ‘‘सीबीएसई इनसल्ट्स वीमेन’’ (सीबीएसई ने महिलाओं का अपमान किया) का समर्थन करने का आह्वान करते दिखाई दिये। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ‘‘11 दिसंबर को आयोजित सीबीएसई की कक्षा 10वीं की फर्स्ट-टर्म परीक्षा के अंग्रेजी भाषा और साहित्य के प्रश्न पत्र के एक सेट में एक सवाल बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं था। इस पृष्ठभूमि में और हितधारकों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर मामले को विषय विशेषज्ञों की एक समिति को भेजा गया था।
इसकी सिफारिश के अनुसार, गद्यांश और उससे जुड़े प्रश्नों को छोड़ने का निर्णय लिया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस सवाल के लिए सभी संबंधित छात्रों को पूरे अंक दिए जाएंगे। एकरूपता और समानता सुनिश्चित करने के लिए, प्रश्न पत्र के सभी सेट के नंबर एक के लिए छात्रों को पूर्ण अंक भी दिए जाएंगे।’’
सोनिया गांधी ने सीबीएसई की परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में आए गद्यांश को महिला विरोधी बताते हुए बोर्ड और शिक्षा मंत्रालय से इस प्रश्नपत्र को तत्काल वापस लेने और इस विषय पर माफी की मांग सोमवार को लोकसभा में की। सोनिया गांधी ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा, ‘‘मैं सरकार का ध्यान गत 11 दिसंबर को सीबीएसई की दसवीं कक्षा की परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में आए एक अप्रिय और प्रतिगामी सोच वाले अपठित गद्यांश को लेकर देशभर में उपजे आक्रोश की ओर दिलाना चाहती हूं।’’
सोनिया ने गद्यांश का उल्लेख करते हुए अंग्रेजी में उसके दो वाक्यों को भी उद्धृत किया जिनके अनुसार, ‘‘महिलाओं को स्वतंत्रता मिलना अनेक तरह की सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं का प्रमुख कारण है’’ और ‘‘पत्नियां अपने पतियों की बात नहीं सुनती हैं, जिसके कारण बच्चे और नौकर अनुशासनहीन होते हैं।’’