CBI Vs CBI मामले में नया मोड़, IB में वापसी के खिलाफ अधिकारी अश्विनी गुप्ता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 18, 2018 07:36 PM2018-11-18T19:36:28+5:302018-11-18T19:36:28+5:30

गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वह जनवरी 1999 में आईबी में शामिल हुए थे और जुलाई 2014 में प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में नियुक्त किए गए थे।

CBI VS CBI: CBI Officer ashwani kumar gupta moves supreme court challenging repatriation to IB | CBI Vs CBI मामले में नया मोड़, IB में वापसी के खिलाफ अधिकारी अश्विनी गुप्ता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

CBI Vs CBI मामले में नया मोड़, IB में वापसी के खिलाफ अधिकारी अश्विनी गुप्ता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अंदर जारी संघर्ष के बीच एक और सीबीआई अधिकारी ने खुफिया ब्यूरो में अपनी वापसी को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और इस तबादले को ‘‘अनुचित’’ तथा ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’ बताया है।

पुलिस उपाधीक्षक अश्विनी कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया है कि उन्हें, उनके मूल संगठन आईबी में लौटाया जा रहा है क्योंकि वह सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहे थे। अस्थाना को सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा के साथ छुट्टी पर भेज दिया गया था और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से वंचित कर दिया गया है।

गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वह जनवरी 1999 में आईबी में शामिल हुए थे और जुलाई 2014 में प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में नियुक्त किए गए थे। शुरू में उनकी नियुक्ति तीन साल तक, जून 2017 तक के लिए हुई थी। बाद में, उन्हें उनके मूल विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) पर जून 2018 तक का सेवा विस्तार दिया गया। उसके बाद फिर एक साल के लिए जून 2019 तक सेवा विस्तार दिया गया।

अधिकारी ने दावा किया कि आश्चर्यजनक रूप से 24 अक्टूबर की सुबह सीबीआई द्वारा उन्हें उनके मूल संगठन को इस आधार पर लौटा दिया गया कि उनके सेवा विस्तार का आदेश सीबीआई को नहीं मिला है।

गुप्ता ने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि सीबीआई को आईबी से एनओसी जून 2018 में, आवेदक की प्रतिनियुक्ति का समयकाल पूरा होने से पहले मिल गया था और उसी महीने डीओपीटी को उसकी स्वीकृति के लिए भेज दिया गया था।’’ 

उन्होंने आरोप लगाया कि वह एक अन्य अधिकारी एके बस्सी के साथ जांच कर रहे थे और इसमें अहम चीजें मिली थीं जो 30 अगस्त 2017 में पंजीकृत स्टर्लिंग बायोटेक मामले में अस्थाना को संलिप्त कर रहीं थी।

उन्होंने कहा कि बस्सी का तबादला पोर्ट ब्लेयर कर दिया गया। वह और बस्सी सात अक्टूबर 2018 को वडोदरा गए थे और 13 अक्टूबर तक जांच की।

गुप्ता ने कहा, ‘‘वडोदरा की जांच के निष्कर्षों का सार...भगोड़े आरोपी नितिन और चेन संदेसारा के साथ अस्थाना और उनके परिवार के ‘अकाट्य, ठोस, स्पष्ट और अचूक’ रिश्ते तक ले गया और इसने अस्थाना को इतना ज्यादा नाराज किया कि उन्होंने 18 अक्टूबर की कैबिनेट सचिव को दी गई शिकायत में इसकी चर्चा की।’’ 

गुप्ता ने अपने आईबी में वापस भेजे जाने के कदम को ‘‘प्रेरित’’ और ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’ बताते हुए न्यायालय से उसे रद्द करने की मांग की।

Web Title: CBI VS CBI: CBI Officer ashwani kumar gupta moves supreme court challenging repatriation to IB

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