सीबीआई अधिकारियों को घपले की आरोपी कंपनियों से रिश्वत मिली: प्राथमिकी

By भाषा | Published: January 15, 2021 10:49 PM2021-01-15T22:49:12+5:302021-01-15T22:49:12+5:30

CBI officials get bribe from accused companies of scams: FIR | सीबीआई अधिकारियों को घपले की आरोपी कंपनियों से रिश्वत मिली: प्राथमिकी

सीबीआई अधिकारियों को घपले की आरोपी कंपनियों से रिश्वत मिली: प्राथमिकी

नयी दिल्ली, 15 जनवरी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एजेंसी के जिन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मामले दर्ज किये गए हैं वे जांच से समझौता करने के लिए न केवल नियमित तौर पर रिश्वत प्राप्त कर रहे थे बल्कि बैंकों से जनता के करोड़ों रुपये का घपला करने की आरोपी कंपनियों से अपने साथियों को रिश्वत के लिए जरिये के रूप में भी काम कर रहे थे। यह आरोप उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में लगाये गए हैं।

आठ पृष्ठों की प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों को एजेंसी द्वारा छापेमारी की कार्रवाई पूरी होने के बाद शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया। इसके अनुसार, इंस्पेक्टर कपिल धनखड़ को अपने उन वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस उपाधीक्षकों आर के सांगवान और आर के ऋषि से कम से कम 10-10 लाख रुपये प्राप्त हुए जो 700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी की आरोपी श्री श्याम पल्प एंड बोर्ड मिल्स तथा फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के लिए समर्थन जुटा रहे थे जिस पर 3,600 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी का आरोप है।

प्राथमिकी के अनुसार सांगवान, ऋषि, धनखड़ और स्टेनोग्राफर समीर कुमार सिंह अधिवक्ताओं अरविंद कुमार गुप्ता और मनोहर मलिक और कुछ अन्य आरोपियों के साथ मिलकर ‘‘कुछ मामलों की जांच को रिश्वत के बदले प्रभावित कर रहे थे।’’

एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सीबीआई की भ्रष्टाचार के प्रति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति है, चाहे वह अन्य विभागों की हो या संगठन में हो। मामला सख्त सतर्कता और हमारे अधिकारियों के किसी भ्रष्ट आचरण में संलिप्तता के किसी जानकारी पर कार्रवाई का परिणाम है।’’

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अपने चार अधिकारियों - सांगवान, ऋषि, धनकड़ और सिंह- के अलावा मलिक और गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक श्री श्याम पल्प एंड बोर्ड मिल्स मनदीप कौर ढिल्लों और फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के निदेशकों सुजय देसाई और उदय देसाई के खिलाफ मामले दर्ज किये हैं।

अधिकारियों ने कहा कि मामला दर्ज करने के बाद एजेंसी ने बृहस्पतिवार को अपने स्वयं के मुख्यालय जहां कुछ आरोपी अधिकारी तैनात हैं, अपनी अकादमी, जहां ऋषि तैनात हैं और देश भर में 12 अन्य स्थानों पर छापेमारी की।

आरोप है कि धनखड़ ने सांगवान से ढिल्लों की ओर से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने के बाद मामले के पूर्व जांच अधिकारी सांगवान को श्री श्याम पल्प एंड बोर्ड मिल्स के खिलाफ जांच से संबंधित गोपनीय जानकारी आरोपियों का पक्ष लेने के इरादे से दी।

प्राथमिकी में आरोप है कि अब सीबीआई अकादमी में तैनात एक अन्य डीएसपी ऋषि ने भी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल से संबंधित एक अलग मामले में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने और आरोपियों को बचाने के लिए धनखड़ को 10 लाख रुपये का भुगतान किया।

इसमें आरोप है कि ऋषि ने धनखड़ को रिश्वत का भुगतान फ्रॉस्ट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का पक्ष लेने के लिए सुजय देसाई और उदय देसाई की ओर से दिया।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि ‘‘..ऋषि ने दो अधिवक्ताओं मनोहर मलिक और अरविंद गुप्ता (जिनका डिफेंस कॉलोनी में कार्यालय है) के जरिये दो बार 15 लाख रुपये चंडीगढ़ की कंपनी का पक्ष लेने के लिए प्राप्त किए जिसके खिलाफ सीबीआई भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही है।’’

आरोप लगाया गया है कि धनखड़ को ऋषि के माध्यम से सौदे के लिए दो बार गुप्ता से 2.5 लाख रुपये मिले।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि यह भी पता चला है कि गोपनीय जानकारी और निर्देशों सहित कई अन्य मामलों की जांच का विवरण आरोपियों के हितों की रक्षा के लिए स्टेनोग्राफर समीर कुमार सिंह ने सांगवान और ऋषि को दिये।

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Web Title: CBI officials get bribe from accused companies of scams: FIR

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