सीबीआई के निदेशक रह चुके रंजीत सिन्हा की पत्नी रीना सिन्हा बीजेपी में शामिल हो सकती हैं, अटकलों का बाजार गर्म
By एस पी सिन्हा | Published: February 10, 2019 06:48 PM2019-02-10T18:48:23+5:302019-02-10T18:49:35+5:30
भाजपा ने रंजीत सिन्हा के निदेशक रहते सीबीआई पर कांग्रेस की कठपुतली के रूप में का करने का आरोप लगाया था. बावजूद इसके अब भाजपा उनकी पत्नी रीना सिन्हा को अपने दल में शामिल कराने पर विचार कर रही है. यह चर्चा का विषय बना हुआ है.
सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा की पत्नी रीना सिन्हा इस हफ्ते भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकती हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है. हालांकि अभी तक अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि न तो भाजपा के द्वारा की जा रही है और ना हीं रीना सिन्हा के जानने वाले अभी किसी तरह की जानकारी देने को तैयार हो रहे हैं.
अवकाश प्राप्त शिक्षक हैं रीना सिन्हा
वहीं सूत्रों की अगर मानें तो रीना सिन्हा भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं और इस हफ्ते वह पटना के भाजपा कार्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकती हैं. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाओं का बाजार गर्म है. रीना सिन्हा बतौर शिक्षक सरकारी सेवा में थीं, लेकिन अब वह अवकाश ग्रहण कर चुकी हैं. यहा बता दें कि रंजीत सिन्हा अपने सेवाकाल में विवादों के घेरे में रह चुके हैं. एक तो रेलवे पुलिस असोसिएशन ने सिन्हा पर निजी रंजिश के तहत ऑफिसर्स को निशाना बनाने का आरोप लगाया था, वहीं भाजपा का भी कहना था कि सीबीआई के बतौर निदेशक रंजीत सिन्हा कांग्रेस की कठपुतली बनकर काम करते हैं.
गुलाब चंद कटारिया और रंजीत सिन्हा
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया था कि राजस्थान से पार्टी के सीनियर नेता गुलाब चंद कटारिया के खिलाफ सीबीआई ने राजनीतिक दुर्भावना के तहत चार्जशीट दाखिल की. यही नहीं 1996 में, सीबीआई के संयुक्त निदेशक (पूर्व), यूएन विश्वास ने सीबीआई में एक डीआईजी के रूप में, उन्हें चारा घोटाले मामले में आरोपी लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा में मदद करने के लिए जांच को भ्रमित करने का भी आरोप लगाया गया था. यूएन बिश्वास इस मामले के मुख्य अन्वेषक थे, जिनकी प्रगति की निगरानी पटना उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही थी, और अदालत द्वारा मामले पर रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहा गया था.
रंजीत सिन्हा का विवादों से पुराना नाता
बिश्वास की मूल रिपोर्ट को सिन्हा ने तत्कालीन निदेशक सीबीआई, जोगिंदर सिंह द्वारा लिखित एक टोंड के साथ स्वैप किया था और अदालत में प्रस्तुत किया था. लेकिन जब अदालत ने पूछा कि प्रस्तुत रिपोर्ट में मूल आरोपों का विवरण क्यों नहीं है, तो बिश्वास ने अदालत के सामने स्वीकार किया था कि रिपोर्ट को सीबीआई निदेशक द्वारा बदल दिया गया था और यह कि मूल रिपोर्ट से गलत थी. अदालत ने सीबीआई को दोषी ठहराया था और आदेश दिया था कि सिन्हा को मामले से हटा दिया जाए. बाद में, सिन्हा, बिस्वास और अन्य सीबीआई अधिकारियों ने बिहार विधानसभा की विशेषाधिकार समिति परिषद से माफी मांगी थी, जिसने उनके खिलाफ उच्च न्यायालय में शिकायत दर्ज करने के लिए एक विशेषाधिकार कार्यवाही छोडने का फैसला किया था.
इससे पहले, महानिदेशक सतर्कता के रूप में उनके ससुर पर चारा घोटाले में प्रारंभिक जांच को विफल करने का आरोप लगाया गया था, लेकिन आरोपों की पुष्टि नहीं की जा सकी थी. तब सिन्हा की पत्नी रीना सिन्हा को एक शिक्षक होने का बावजूद लालू यादव द्वारा विशेष कार्य पदाधिकारी के रूप से बनाए गए पद पर नई दिल्ली में बिहार भवन में तैनात किया गया था. उन्हें राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव का करीबी माना जाता है, जिन्होंने सिन्हा के पद पर नियुक्त होने तक तीन महीने तक रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक का पद बरकरार रखा था.
लालू यादव से थी गहरी दोस्ती
उन्होंने यह भी स्वीकार किया था कि वह यादव के मित्र हैं, यह कहते हुए कि लालू बिहार और भारतीय रेलवे दोनों में उनके बॉस थे और इसलिए, उनके बीच पारस्परिक संबंध अच्छे हैं. उन्होंने खुद को बताते हुए बचाव किया था कि “मैंने सीबीआई मुख्यालय को पटना के बाहर पोस्ट करने के लिए कहा था. बिहार कैडर के अधिकारी होने के नाते मैं चारा घोटाला जांच से जुड़ा नहीं होना चाहता. लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी. यह बहुत भ्रमित करने वाला समय था.
केंद्र कमजोर था और लालू एक शक्तिशाली क्षेत्रीय क्षत्रप थे. बिहार पूरी तरह से जाति के आधार पर विभाजित था. पटना उच्च न्यायालय की निगरानी पीठ द्वारा एक बार भी मेरे खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी नहीं करने के बावजूद मुझे राज्य में मेरे शक्तिशाली दुश्मनों द्वारा खलनायक बना दिया गया. मैं अब भी मानता हूं कि चारा घोटाले में जांच के दौरान चीजें कुछ हद तक खत्म हो गईं क्योंकि कुछ सीनियर्स ने जीवन की छवि की तुलना में बडे पैमाने पर खेती की. सीबीआई निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय की सहमति प्राप्त करने के बाद, चारा घोटाले की जांच कर रहे चार महत्वपूर्ण अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया, लेकिन बाद में जनहित याचिका दायर करने के बाद भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश रद्द कर दिए गए.
बीजेपी ने रंजीत सिन्हा पर लगाया था गंभीर आरोप
वहीं, सिन्हा के सीबीआई निदेशक रहते हुए भाजपा नेता अरुण जेटली, राजनाथ सिंह और वसुंधरा राजे ने कहा था कि कटारिया के खिलाफ सप्लिमेंटरी चार्जशीट लाने के पीछे राजनीति हुई है. जेटली ने कहा था कि 'रेल घूस कांड में पवन बंसल के खिलाफ मामला दिन-ब-दिन बड़ा होता जा रहा है, लेकिन उस केस में तो सीबीआई चीफ कहते हैं कि पवन बंसल के खिलाफ सबूत बड़ा नहीं है. इस मामले में तो सीबीआई चुप रही, लेकिन एक ऐसे मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई, जहां सबूत बेहद कमजोर थे. भाजपा ने यह कहते हुए सीबीआई पर निशाना साधा था कि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में एक मामूली से सबूत के आधार पर केस खड़ा किया गया.
भाजपा का कहना था कि यह वैसा ही कदम है, जैसे कि इस मामले में पहले गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहते हुए नरेन्द्र मोदी को भी फंसाने की कोशिश की गई थी. भाजपा ने सीबीआई पर कांग्रेस की कठपुतली के रूप में का करने का आरोप लगाया था. सिन्हा लगातार विवादों में रहते हुए कोयला घोटाले में भी आरोपों के घेरे में आ गये थे. बावजूद इसके अब भाजपा उनकी पत्नी रीना सिन्हा को अपने दल में शामिल कराने पर विचार कर रही है. यह चर्चा का विषय बना हुआ है.