CBI घूसकांड पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, सीलबंद लिफाफे में दी जाए आलोक वर्मा को CVC की रिपोर्ट
By भाषा | Published: November 16, 2018 01:17 PM2018-11-16T13:17:18+5:302018-11-16T13:17:18+5:30
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल और सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को भी देने को कहा है।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आदेश दिया कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच से जुड़ी सीवीसी की रिपोर्ट उन्हें सीलबंद लिफाफे में सौंपी जाए। न्यायालय ने वर्मा से इसपर सोमवार तक जवाब देने को कहा।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल और सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को भी देने को कहा है।
पीठ ने कहा कि आलोक वर्मा के खिलाफ लगे कुछ आरोपों का सीवीसी की रिपोर्ट समर्थन नहीं करती है और कुछ मामलों में उसका कहना है कि और जांच की जरूरत है।
न्यायालय ने कहा कि आलोक वर्मा सोमवार तक सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब दाखिल करें। मामले की सुनवाई अब मंगलवार को होगी।
न्यायालय ने सीवीसी रिपोर्ट की प्रति मुहैया कराने संबंधी सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का अनुरोध ठुकरा दिया।
उल्लेखनीय है न्यायालय ने सीवीसी को निर्देश दिया था कि वह सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की अपनी प्रारंभिक जांच दो हफ्ते के भीतर पूरी करे। केंद्र सरकार ने वर्मा से सारे अधिकार वापस ले कर उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है।
सोमवार को होने वाली सुनवाई अहम है क्योंकि वर्मा के. वी. चौधरी की अध्यक्षता वाले सीवीसी के समक्ष पेश होते रहे हैं और समझा जाता है कि उन्होंने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को बिंदुवार तरीके से नकारा है।