50 फीसदी आरक्षण सीमा को बढ़ाने के लिए बिहार में जाति आधारित जनगणना शुरु: नीतीश कुमार
By रुस्तम राणा | Published: November 8, 2022 06:55 PM2022-11-08T18:55:04+5:302022-11-08T19:08:41+5:30
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, यदि जाति आधारित जनगणना भी एक बार कर ली जाए तो 50% आरक्षण की सीमा बढ़ाई जा सकती है।

50 फीसदी आरक्षण सीमा को बढ़ाने के लिए बिहार में जाति आधारित जनगणना शुरु: नीतीश कुमार
पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुहर लगाए गए आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का समर्थन किया है। साथ में उन्होंने जातीय जनगणना की मांग पर भी जोर दिया। मंगलवार को पटना में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला किया है वह बिल्कुल ठीक है, लेकिन हम जाति आधारित जनसंख्या जनगणना की मांग करते हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, हमने जाति आधारित जनगणना की प्रक्रिया शुरू कर दी है, इससे लोगों की आर्थिक स्थिति भी साफ हो जाएगी और हम उनके लिए बेहतर योजनाएं प्रदान कर सकेंगे। मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, यदि जाति आधारित जनगणना भी एक बार कर ली जाए तो 50% आरक्षण की सीमा बढ़ाई जा सकती है। इससे जनसंख्या के आधार पर मदद दी जाएगी। यह काम हम बिहार में करवा रहे हैं, इसे पूरे देश में किया जाना चाहिए। ताकि 50% की सीमा बढ़ाई जा सके।
If the caste-based census is also done once, the limit of 50% reservation can be increased. With this, help will be given on the basis of population. We are getting this thing done in Bihar, it should be done across the country. So that 50% limit can be increased: Bihar CM pic.twitter.com/jXUANG7IlP
— ANI (@ANI) November 8, 2022
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण के प्रावधान को बरकरार रखा है। 5 जजों की बेंच में 3 जजों ने ईडब्ल्यूएस के समर्थन में फैसला सुनाया। उच्चतम न्यायालय ने दो के मुकाबले तीन मतों के बहुमत से सुनाए गए फैसले में दाखिलों और सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन को सही माना है।