'कृषि बिल पर कमेटी के सदस्य थे कैप्टन अमरिंदर, तब क्यों नहीं रोका', सीएम अरविंद केजरीवाल का पंजाब CM पर पलटवार
By स्वाति सिंह | Published: December 2, 2020 08:50 PM2020-12-02T20:50:58+5:302020-12-02T20:57:14+5:30
दिल्ली सीएम केजरीवाल ने आगे कहा हैं कि जिस दिन राष्ट्रपति ने कृषि बिल पर हस्ताक्षर कर दिए उस दिन ये कानून बन गए। किसी राज्य सरकार के पास ये ताकत नहीं है कि इसको रोक दे।
नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा लाए कृषि कानूनों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आमने-सामने हैं। दिल्ली के सीएम ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास कृषि बिल को रोकने के लिए कई मौके आए। पंजाब के लोग पूछ रहे हैं कि उन्होंने तब इस बिल को क्यों नहीं रोका। अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की कमेटी में कैप्टन अमरिंदर सिंह थे। कमेटी के अंदर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन काले कानूनों का विरोध क्यों नहीं किया। इनको क्यों नहीं रोका।
दिल्ली सीएम केजरीवाल ने आगे कहा हैं कि जिस दिन राष्ट्रपति ने कृषि बिल पर हस्ताक्षर कर दिए उस दिन ये कानून बन गए। किसी राज्य सरकार के पास ये ताकत नहीं है कि इसको रोक दे। सीएम केजरीवाल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को अगर ये सब पता है तो उन्होंने मुझपर झूठे आरोप क्यों लगाए। बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कृषि कानूनों को लागू कर किसान विरोधी होने का प्रमाण दे दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह के हमले का अब अरविंद केजरीवाल ने जवाब दिया है।
CM अमरिंदर ने खट्टर से पूछा सवाल
इसके साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को पूछा कि हरियाणा के उनके समकक्ष मनोहरलाल खट्टर ने उनसे संपर्क करने के लिए आधिकारिक चैनल का सहारा क्यों नहीं लिया। खट्टर ने आरोप लगाया था कि वह सिंह से किसानों के मुद्दे पर बात करना चाहते थे लेकिन लगातार फोन करने पर भी उन्होंने जवाब नहीं दिया।
खट्टर की ओर से जारी किए गए कॉल रिकॉर्ड को ‘पूरी तरह से फर्जीवाड़ा’ बताते हुए सिंह ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री इस तरह से अपनी ‘धूर्तता’ प्रदर्शित कर रहे हैं। खट्टर ने संपर्क करने के सबूत का दावा करते हुए कॉल रिकॉर्ड जारी किया था। सिंह ने कहा, ‘‘ अगर उनके (खट्टर) कार्यालय से किसी ने मेरे आवास पर फोन किया तो अटेंडेंट (परिचारक) को क्यों फोन कॉल किया गया? मुझ से संपर्क करने के लिए आधिकारिक चैनल का रास्ता क्यों नहीं अपनाया गया?’’
दिल्ली की सीमाओं पर याताायात प्रभावित
गाजीपुर में दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बुधवार को किसानों के बढ़ते प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस सुरक्षा और बड़ा दी गई है। हजारों किसानों के, राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने के प्रमुख मार्गों पर लगातार सात दिनों से डटे होने के कारण बुधवार को भी यातायात धीमा रहा और लोगों को, खासकर ऑफिस जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सिंघु और टिकरी हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर को पुलिस ने यातायात के लिए अब भी बंद कर रखा है। वहीं शहर के उत्तर प्रदेश से लगने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन तेज हो गया है। दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर हो रहे प्रदर्शन के कारण राज्य को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग बंद है।