'क्या इस बात की कर सकते हैं पुष्टि कि...', लद्दाख में चीनी घुसपैठ की खबरों पर राहुल गांधी का मोदी सरकार से सवाल
By स्वाति सिंह | Published: June 3, 2020 02:44 PM2020-06-03T14:44:04+5:302020-06-03T14:44:04+5:30
भारत और चीन की सेनाओं के बीच लगभग एक महीने से चले आ रहे गतिरोध के संदर्भ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिक ‘अच्छी खासी संख्या में’ आ गए हैं और भारत ने भी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। इसी बीच राहुल गांधी ने सवाल खड़े किए हैं।
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में चीन के सैनिकों की कथित घुसपैठ से जुड़ी खबरों को लेकर बुधवार को मोदी सरकार पर सवाल उठाए।
उन्होंने एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि क्या सरकार इसकी पुष्टि कर सकती है कि चीन का कोई सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हुआ? राहुल गांधी ने लिखा,‘‘क्या भारत सरकार इसकी पुष्टि कर सकती है कि चीन का कोई सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हुआ?''
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन की सेनाओं के बीच लगभग एक महीने से चले आ रहे गतिरोध के संदर्भ में कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिक ‘अच्छी खासी संख्या में’ आ गए हैं और भारत ने भी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच छह जून को बैठक निर्धारित है। इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत अपनी स्थिति से पीछे नहीं हटेगा। पूर्वी लद्दाख में संवेदनशील क्षेत्रों में वर्तमान स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चीनी वहां तक आ गए हैं जिसका वे अपना क्षेत्र होने का दावा करते हैं, जबकि भारत का मानना है कि यह उसका क्षेत्र है।
राजनाथ सिंह ने सीएनएन-न्यूज 18 से कहा, ‘‘उसको लेकर एक मतभेद हुआ है। और अच्छी-खासी संख्या में चीन के लोग भी आ गए हैं। लेकिन भारत को भी अपनी तरफ से जो कुछ करना चाहिए, भारत ने किया है।’’
भारत-चीन सीमा विवाद पर 6 जून को बड़ी बैठक!
लद्दाख में जारी भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर छह जून को बड़ी बैठक होने वाली है। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों की सेना के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों में बातचीत होगी। ऐसा पहली बार होगा जब दोनों देशों के लेफ्टिनेंट जनरल के लेवल पर कोई चर्चा या बैठक होगी। 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने यह वार्ता आयोजित की है। इसके पहले मंगलवार (2 जून) को मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों के बीच बातचीत हुई थी लेकिन इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला था। चीन और भारत ने ब्रिग्रेडियर स्तर पर भी बातचीत की कोशिश की थी लेकिन वह भी विफल रही।
पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच चीन-भारत सीमा विवाद पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार (2 जून) को विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें भारत-चीन सीमा पर स्थिति, कोविड-19 महामारी और डब्ल्यूएचओ में सुधार की जरूरत जैसे मुद्दे शामिल हैं। दोनों नेताओं के बीच ऐसे समय में बातचीत हुई है जब ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने मोदी से बात की है जो चीन के साथ सीमा मुद्दे को लेकर ‘अच्छे मूड’ में नहीं थे। सरकार के सूत्रों ने यहां दोनों नेताओं के बीच ‘हाल में बातचीत’ होने से इंकार किया था। ट्रंप ने भारत और चीन के बीच मध्यस्थता की पेशकश भी की थी। दोनों नेताओं के बीच इससे पहले चार अप्रैल 2020 को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) को लेकर बातचीत हुई थी।
क्या है भारत-चीन सीमा विवाद?
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है। दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है।