CBI Inquiry: बीरभूम हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला, मामले की होगी सीबीआई जांच, 7 अप्रैल तक सौंपनी होगी रिपोर्ट
By आजाद खान | Published: March 25, 2022 11:37 AM2022-03-25T11:37:24+5:302022-03-25T12:13:00+5:30
आपको बता दें कि इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरूवार को बीरभूम हिंसा पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं के साथ एक स्वत: संज्ञान याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।
Birbhum Violence: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बीरभूम हिंसा मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का शुक्रवार को आदेश दिया। अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले के कागजात और गिरफ्तार लोगों को सीबीआई के सुपुर्द करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर. भारद्वाज की खंडपीठ ने सीबीआई को मामले में सात अप्रैल तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की आगे की सुनवाई सात अप्रैल को ही की जाएगी।
पीठ ने क्या कहा
पीठ ने कहा कि न्याय के हित में सीबीआई जांच के आदेश दिए जा रहे हैं। गौरतलब है कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट कस्बे के पास बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के कुछ मकानों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों सहित आठ लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी।
माना जा रहा है कि बदले की भावना में हिंसा हुई है
माना जा रहा है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत अधिकारी की हत्या के प्रतिशोध स्वरूप हुई थी। पीठ ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था। इस घटना की सीबीआई या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिकाओं पर भी अदालत ने स्वत: संज्ञान याचिका के साथ सुनवाई की।
West Bengal | Calcutta High Court orders CBI probe in Rampurhat, Birbhum case. Report to be submitted by April 7.
— ANI (@ANI) March 25, 2022
SIT was conducting the probe till date
राज्य सरकार ने पहले सीबीआई या एनआईए के जांच का विरोध किया था
वहीं इस मामसे में राज्य ने पहले ही सीबीआई या एनआईए के जांच के अनुरोध का विरोध किया है। विरोध करते हुए राज्य सरकार ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच कर रहा है और उसे समय दिया जाना चाहिए।