आज संसद में पेश होगी राफेल पर CAG रिपोर्ट, कांग्रेस-भाजपा के बीच तीखी हुई जुबानी जंग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 13, 2019 11:11 AM2019-02-13T11:11:30+5:302019-02-13T11:11:30+5:30
राफेल विमान पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक अपनी रिपोर्ट आज संसद में पेश करेगा। जानें इस मामले से जुड़ी सभी बड़ी बातें...
राफेल विमान सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश होगी। रिपोर्ट पेश होने से पहले ही कांग्रेस-बीजेपी में जुबानी जंग तेज हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राफेल विमान की कीमतों की तुलना फ्रेंच लड़ाकू विमान की एक कंपनी के ऑफर से की जाएगी। हालांकि मूल्यांकन करते समय सीएजी ने कीमतों को गोपनीय रखा है। प्रतिस्पर्धी कंपनी से ये तुलना प्रतिशत में की गई है।
राफेल पर कांग्रेस-भाजपा के बीच जुबानी जंग तीखी हुई
राफेल मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच जारी वाकयुद्ध का स्तर मंगलवार को और नीचे चला गया जब राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर "देशद्रोह" और अनिल अंबानी के बिचौलिये के रूप में काम करने का आरोप लगाया। इस पर पलटवार करते हुए सत्तारूढ़ दल ने दावा किया कि उन्होंने विदेशी कंपनियों के लिए ‘‘लॉबीस्ट’’ के तौर पर काम किया। भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि गांधी परिवार का देश को "लूटने" का इतिहास रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह ‘‘बेशर्मी और गैरजिम्मेदारी की पराकाष्ठा’’ है कि कांग्रेस अध्यक्ष "ईमानदार" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर "कीचड़" उछाल रहे हैं।
राहुल गांधी ने सार्वजनिक किया ई-मेल
मोदी पर ताजा हमला बोलते हुए गांधी ने 28 मार्च, 2015 को एयरबस के कार्यकारी निकोलस कैमस्की द्वारा कथित तौर पर लिखा गया ईमेल मीडिया में जारी किया। सब्जेक्ट में "अंबानी" लिखे इस ईमेल को तीन लोगों को भेजा गया था। ईमेल का संदर्भ देते हुए गांधी ने दावा किया कि 2015 में मोदी के दौरे के दौरान भारत और फ्रांस द्वारा की गयी राफेल सौदे की घोषणा से पहले ही अंबानी को इसकी जानकारी थी। उन्होंने कहा कि यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि मोदी को इस काम के लिए "जेल भेजना" चाहिए।
राहुल गांधी को "झूठ की मशीन" करार देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ईमेल हेलीकॉप्टर सौदे से संदर्भित है न कि राफेल खरीद थे। उन्होंने एयरबस को भी कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि यूरोपीय विमान निर्माता कंपनी पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार में हुए सौदों को लेकर संदेह के घेरे में है।
Congress Parliamentary Party's general body meeting concludes. https://t.co/7OujUTM6Tv
— ANI (@ANI) February 13, 2019
राहुल के दावे पर रिलायंस का जवाब
गांधी के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए अंबानी के रिलायंस डिफेंस ने कहा कि ईमेल में उल्लेखित "प्रस्तावित एमओयू" का जिक्र एयरबस हेलीकाप्टर से उसके सहयोग को लेकर किया गया है इसका लड़ाकू विमान सौदे से "कोई लेना-देना" नहीं है। एयरबस पर प्रसाद द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर इसके प्रवक्ता ने कहा "हम जांच से जुड़े मामलों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करते।
हमने अतीत में भारतीय अधिकारियों के साथ सहयोग किया है और आगे भी करते रहेंगे। " प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान गांधी ने दावा किया कि ईमेल से साफ है कि अंबानी फ्रांस के तत्कालीन रक्षामंत्री ज्यां-यवेस ले ड्रियन के दफ्तर गये थे और वहां तैयार हो रहे सहमति पत्र का जिक्र किया जिस पर प्रधानमंत्री की यात्रा (फ्रांस की) के दौरान हस्ताक्षर होने वाले थे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा कि किस तरह अंबानी को इस सौदे का पता चला और उन्होंने इसका उल्लेख फ्रांस के रक्षा मंत्री के दफ्तर में किया जबकि तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर और तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को भी इसके बारे में जानकारी नहीं थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर