कोरोना के चलते कर्ज भुगतान में चूक पर नहीं होगी दिवाला संहिता की कार्रवाई, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अध्यादेश को दी हरी झंडी

By भाषा | Published: June 3, 2020 11:50 PM2020-06-03T23:50:42+5:302020-06-03T23:50:42+5:30

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सबसे ज्यादा करीब नौ हजार मामले बुधवार को दर्ज किये गए। राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में संक्रमित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने कहा कि इस बीमारी से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी देश में बढ़ी है और इनका आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच गया है।

Cabinet okays ordinance to amend insolvency law, defaults due to COVID out of IBC ambit | कोरोना के चलते कर्ज भुगतान में चूक पर नहीं होगी दिवाला संहिता की कार्रवाई, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अध्यादेश को दी हरी झंडी

सरकार ने आईबीसी में संशोधन के लिये अध्यादेश लाने को अपनी मंजूरी दे दी। (फाइल फोटो)

Highlightsकेन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन के लिये अध्यादेश लाने को अपनी मंजूरी दे दी। इस संशोधन के जरिये कोविड-19 महामारी के चलते किसी कंपनी द्वारा बैंक कर्ज के भुगतान में असफल रहने पर उसके खिलाफ दिवाला कानून के तहत कोई नई कार्रवाई शुरू नहीं की जायेगी।

नई दिल्लीः केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन के लिये अध्यादेश लाने को अपनी मंजूरी दे दी। इस संशोधन के जरिये कोविड-19 महामारी के चलते किसी कंपनी द्वारा बैंक कर्ज के भुगतान में असफल रहने पर उसके खिलाफ दिवाला कानून के तहत कोई नई कार्रवाई शुरू नहीं की जायेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। 

सूत्रों का कहना है कि 25 मार्च के बाद से भुगतान में असफल रहने पर कुछ समय तक के लिये दिवाला प्रक्रिया के तहत कार्रवाई नहीं की जायेगी। देश में 25 मार्च के दिन से ही राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन शुरू किया गया था। सूत्रों ने कहा कि आईबीसी में संशोधन के लिये अध्यादेश जारी करने को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है। 

सूत्रों के मुताबिक संहिता की तीन धाराओं -- जिसमें कि दबाव में फंसी संपत्ति की बाजार से जुड़े और समयबद्ध समाधान की प्रक्रिया को निलंबित रखा जायेगा। धाराओं का यह निलंबन छह माह से लेकर एक साल तक के लिये होगा। 

सूत्रों के अनुसार इस संबंध में मंत्रिमंडल ने एक सक्षम प्रावधान को मंजूरी दी है जबकि कितनी अवधि के लिये इन धाराओं को निलंबित रखा जायेगा उसकी समयसीमा के बारे में कार्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा तय किया जायेगा। उनके मुताबिक ऐसे मामले जिनमें भुगतान में चूक के पीछे महामारी वजह नहीं है और दिवाला प्रक्रिया के लिये 25 मार्च से पहले आवेदन किया गया हैउसका निस्तारण आईबीसी संहिता के तहत होगा। 

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सबसे ज्यादा करीब नौ हजार मामले बुधवार को दर्ज किये गए। राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में संक्रमित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने कहा कि इस बीमारी से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी देश में बढ़ी है और इनका आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच गया है जबकि देश में जांच की सुविधा में भी खासा इजाफा हुआ है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और दिल्ली जैसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, नगालैंड, मिजोरम और सिक्किम समेत कुछ पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में भी मामले लगातार मिल रहे हैं। 

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